उज्जैन
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भक्तों को दूर से ही भगवान महाकाल के दर्शन सुलभ होंगे। श्री महाकाल महालोक बनने के बाद बढ़ती जा रही दर्शनार्थियों की संख्या के कारण फिलहाल मंदिर समिति की गर्भगृह में प्रवेश शुरू करने की कोई योजना नहीं है।
उज्जैन के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जब से महाकाल महालोक की स्थापना हुई है, तभी से वहां श्रद्धालुओं की संख्या ने नित नए कीर्तिमान गढ़ना शुरू कर दिए हैं। प्रतिदिन करीब एक लाख भक्त रोज भगवान महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचते हैं।
शनिवार, रविवार और सोमवार को सप्ताह के तीन दिन दर्शनार्थियों की संख्या दो से ढाई लाख रहती है। महाशिवरात्रि, नागपंचमी जैसे महापर्वों पर पांच से सात लाख भक्त मंदिर पहुंचते हैं। इतनी बड़ी तादाद में भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश देना संभव नहीं है।
… इसलिए भी गर्भगृह में प्रवेश की फिलहाल योजना नहीं
अगर सशुल्क रसीद के आधार पर समिति संख्या में भी भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश दिया जाता है, तो श्रद्धालुओं के गर्भगृह में प्रवेश करने तथा बाहर निकलते समय दर्शन बाधित होते हैं।
इससे नंदी, गणेश व कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को खासी परेशानी होती है। दर्शन में देरी का असर यह होता है कि नंदी हाल में भीड़ जमा हो जाती है।
यही कारण है कि सुगम दर्शन की व्यवस्था के लिए फिलहाल गर्भगृह में प्रवेश की कोई योजना नहीं है। सभी भक्तों को दूर से ही भगवान के दर्शन सुलभ होंगे। इस तरह भक्त कुछ पल नंदी हाल में बीता सकते हैं।
प्रोटोकॉल के तहत गर्भगृह में प्रवेश
कलेक्टर ने बताया कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री जैसे अतिविशिष्ट एवं बड़े संतों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी जाती है। अपवाद स्वरूप कुछ वीआईपी एकाएक गर्भगृह में चले जाते हैं, तो प्रोटोकॉल कर्मचारियों पर कार्रवाई भी होती है।
ऑस्ट्रेलिया के भक्त ने भेंट की व्हीलचेयर
मेलबोर्न (ऑस्ट्रेलिया) से शुक्रवार को महाकाल दर्शन करने आए सतीश गोसाईं ने दिव्यांग दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए ग्यारह व्हीलचेयर भेंट की है। सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने बताया कि दर्शनार्थी मंदिर की व्यवस्था को देखकर प्रभावित हुए, उन्होंने महाकाल महालोक का भ्रमण भी किया।