भोपाल
प्रदेश में लोक परिवहन व्यवस्था फिर से शुरू करने के लिए पहले चरण में 300 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी है। इसमें तीन श्रेणी की बसें होंगी। 18 सीट वाली मिनी बस, 32 सीट वाली मिडी बस और 52 सीट वाली बड़ी बस। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए भारत सरकार से भी 30 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। प्राइवेट बसों की तुलना में किराया कम रहे, इसलिए राज्य सरकार भी बसों का संचालन करने वाली कंपनी को सब्सिडी देगी।
राज्य सड़क परिवहन निगम के पास थी 4 हजार बसें
बता दें कि पूर्व में लोक परिवहन व्यवस्था संचालित करने वाले मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के पास चार हजार बसें थीं, अब उसकी लगभग 10 प्रतिशत बसें पहले चरण में चलाने की तैयारी है। बसों के संचालन के लिए तकनीकी, वित्तीय व अन्य सुझाव प्राप्त करने के संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। इसके लिए शीघ्र ही एजेंसी का चयन किया जाएगा।
बस संचालन को लेकर अहम बातों का फीडबैक
डीपीआर में स्पष्ट हो जाएगा कि बसों के संचालन में क्या दिक्कतें आ सकती हैं और उन्हें कैसे हल किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग पाइंट कहां होंगे। संचालन करने वाली कंपनी की क्या जिम्मेदारी हो सकती है। किराया कम रहे इसके लिए राशि कहां से मिल सकती है। सरकारी सहायता के अतिरिक्त आय के विज्ञापन या अन्य क्या साधन हो सकते हैं। मानव संसाधन की व्यवस्था किस ढंग से की जाएगी।
मुख्यमंत्री ले रहे दिलचस्पी
बता दें कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने लोक परिवहन व्यवस्था फिर से प्रारंभ करने के लिए कहा है। इसके लिए परिवहन विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग योजना बना रहे हैं। पुलिस ट्रेनिंग एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआइ) से भी सुझाव मांगा गया है। अभी इस पर सहमति बनी है कि सरकार पीपीपी माडल की जगह खुद ही परिवहन व्यवस्था का संचालन करेगी। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री की उपस्थिति में होने वाली बैठक में होगा।