राज्यों से

गोचर भूमि पर अवैध कब्जों के खिलाफ योगी सरकार का अभियान

लखनऊ
योगी सरकार प्रदेश में पशुओं के लिए उपलब्ध गोचर भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिए बड़ा अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत अब तक अवैध कब्जे वाली 6930 हेक्टेयर से अधिक गोचर भूमि में से 4740 हेक्टेयर से अधिक भूमि को कब्जा मुक्त करा लिया गया है, जबकि शेष कब्जे वाली भूमि को खाली कराने के लिए प्रक्रिया जारी है।

उल्लेखनीय है कि राजस्व परिषद के 15 अक्टूबर 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कुल 61304.504 हेक्टेयर गोचर भूमि उपलब्ध है। वहीं, 6930.619 हेक्टेयर गोचर भूमि को अवैध कब्जे के रूप में चिह्नित किया गया है। कुल मिलाकर 4740.598 हेक्टेयर गोचर भूमि को अवैध कब्जे से रिक्त कराया जा चुका है।

देवरिया में कुल 256.296 हेक्टेयर भूमि चारागाह के लिए उपलब्ध है, जिसमें 16.458 हेक्टेयर भूमि को अवैध कब्जे के रूप में चिह्नित किया गया है। इसमें 5.431 हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त करा लिया गया है, जबकि अभी 11.027 हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त कराने की प्रक्रिया जारी है।

इसी तरह, जौनपुर में कुल 1361.983 हेक्टेयर गोचर भूमि में से कब्जे वाली 70.945 हेक्टेयर भूमि पर 21.181 हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्ता कराया गया है। 49.764 हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

शामली की बात करें तो कुल 293.577 हेक्टेयर भूमि में 105.752 हेक्टेयर पर अवैध कब्जे में से 27.056 हेक्टेयर को मुक्त करा लिया गया है, जबकि 78.696 हेक्टेयर भूमि के लिए अभियान चल रहा है।  इसी तरह, बिजनौर, मऊ, संभल और गाजियाबाद में भी उपलब्ध कुल गोचर भूमि में से चिह्नित कब्जे वाली भूमि को कब्जा मुक्त कराने की कार्यवाही जारी है।

पशुपालन विभाग द्वारा गोचर भूमि पर हरा चारा उत्पादन की बात करें तो प्रदेश में कुल 6708 ग्रामीण गो आश्रय उपलब्ध हैं। इनमें टैग्ड गोचर भूमि 3060 है जो कुल गो आश्रय स्थलों का 45.62 प्रतिशत है। गो आश्रय स्थलों से टैग्ड गोचर भूमि का क्षेत्रफल 9334.17 हेक्टयर, जिसमें बोया गया हरा चारा का क्षेत्रफल 3107.11 हेक्टेयर है जो कुल टैग्ड गोचर भूमि के  क्षेत्रफल का 33.29 प्रतिशत है।

 

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com