चेन्नई
श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के निकट अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के पास नेदुनथीवु इलाके के पास 12 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया है। इन मछुआरों पर अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा को पार कर श्रीलंकाई इलाके में प्रवेश करने का आरोप है। यह मछुआरे तमिलनाडु के रहने वाले हैं। तमिलनाडु प्रदेश के मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने बताया, मछुआरों को रविवार सुबह हिरासत में लिया गया और पूछताछ के लिए श्रीलंकाई नौसैनिक शिविर ले जाया गया है। श्रीलंकाई नौसेना ने पकड़े गए इन मछुआरों की मोटर नाव और मछली पकड़ने का साजो सामान भी जब्त कर लिया है। इसी साल 16 जून से अब तक श्रीलंकाई नौसेना ने सिर्फ तमिलनाडु के 425 मछुआरों को पकड़ा है और 58 नावों को जब्त किया है।
पकड़े गए मछुआरों में लगभग 110 मछुआरे अभी भी श्रीलंका की हिरासत में हैं। इससे पहले 23 अक्टूबर को भी श्रीलंकाई नौसेना ने रामेश्वरम से 16 तमिल मछुआरों को गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने व्यक्तिगत रूप से केंद्रीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर को पत्र लिखकर इस मामले में उनसे हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए गिरफ्तार मछुआरों और उनकी नौकाओं की रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। तमिलनाडु के मछुआरों के नेता के.एम. पलानीअप्पन ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, “रविवार को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा 12 तमिल मछुआरों की गिरफ्तारी बेहद निंदनीय है। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार कार्रवाई करे, क्योंकि हमारे लोग समुद्र में मछली पकड़ने से डरने लगे हैं।”
उन्होंने मुख्यमंत्री से मछुआरों और उनकी नौकाओं की तत्काल रिहाई के लिए केंद्र पर दबाव डालने का भी आग्रह किया। तमिलनाडु में डीएमके, एआईएडीएमके और पीएमके सहित राजनीतिक दल श्रीलंकाई नौसेना की कार्रवाई के कारण तमिल मछुआरों को होने वाली कठिनाइयों के बारे में चिंता जताते रहे हैं। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष 1 अगस्त, 2023 को भी एक दुखद घटना तब घटी थी, जब श्रीलंकाई नौसेना की एक नाव कथित तौर पर एक मछली पकड़ने वाली नाव से टकरा गई। इस टक्कर से मछली पकड़ने वाली नाव पलट गई। इसमें एक मछुआरे, मलाइसामी (59) डूब कर मौत हो गई, जबकि दूसरा, रामचंद्रन (64) लापता हो गया। नाव पर सवार दो अन्य मछुआरे, मूकिया (51) और मुथु मुनियांदी (52) को श्रीलंकाई नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बाद में उन्हें भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया।