मध्यप्रदेश

अन्नदाताओं की खुशहाली और बेहतरी के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के अन्नदाताओं की खुशहाली और बेहतरी के लिये नित नये आयाम स्थापित किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का अन्नदाताओं के प्रति असीम स्नेह सरकार की योजनाओं में भी निरंतर दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी 29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (वर्ष 2024-25 की द्वितीय किश्त अंतरित करेंगे। प्रदेश के 81 लाख से अधिक किसानों को 1624 करोड़ रुपये की सहायता राशि का अंतरण किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के साथ राज्य सरकार भी मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में किसानों को लाभान्वित कर रही है। इन दोनों योजनाओं में किसानों को प्रतिवर्ष 12000 रुपये का लाभ प्रदान किया जा रहा है। अब तक म.प्र. के किसानों के बैंक खातों में 41 हजार 200 करोड़ रुपये की राशि अतिरिक्त दी जा चुकी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिये वर्ष 2024-25 बजट में 66 हजार 605 करोड़ रुपये का प्रावधान करते हुए कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिये शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना को जारी रखा गया है। इसके लिये 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे लगभग 32 लाख से अधिक कृषक लाभान्वित होंगे। वर्ष 2024-25 में 23 हजार करोड़ रुपये के फसल ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि फसल बीमा योजना के इतिहास में पहली बार प्रदेश में किसानों के लिये ऋण की अदायगी की अंतिम तिथि (28 मार्च) से पहले सरकार ने दावों का भुगतान किया और किसानों को अनावश्यक ब्याज भरने के दण्ड से बचाया। किसानों को समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूँ पर प्रति क्विंटल 125 रुपये बोनस का भुगतान भी किया गया। रबी विपणन वर्ष 2024-25 में 6 लाख से अधिक किसानों से 48 लाख 35 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में राहत देने 24 हजार 420 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है। अटल कृषि ज्योति योजना अंतर्गत 10 हॉर्स-पॉवर तक के किसानों को ऊर्जा प्रभार में सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना में चालू वित्तीय वर्ष में 11 हजार 65 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में सोयाबीन का केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश में 1400 केंद्र स्थापित किए गए हैं। समर्थन मूल्य पर खरीदी का कार्य ई-उपार्जन पोर्टल से किया जा रहा है। उपार्जित सोयाबीन के लिये किसानों को ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में सोयाबीन उपार्जन के लिए तीन लाख 44 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। प्रदेश में दतिया, भिंड, कटनी, मंडला, बालाघाट, सीधी एवं सिंगरौली 7 जिलों को छोड़कर समस्त जिलों में सोयाबीन का उपार्जन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने "रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना" प्रारंभ की है। इस योजना से मिलेट्स उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा। योजना में कोदो-कुटकी के उत्पादन पर किसानों को भुगतान किए गए न्यूनतम क्रय मूल्य के अतिरिक्त सहायता राशि के रूप में खाते में 1000 रुपए प्रति क्विंटल डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत प्रदाय किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। राज्य में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। किसानों को आवश्यक मात्रा में उर्वरक मिल रहा है। प्रदेश में प्रतिदिन 5 रैक यूरिया, 2 रैक डीएपी एवं 2 रैक एनपीके की आ रही है। विगत वर्ष अक्टूबर 2023 में डीएपी + एनपीके 1.89 लाख मीट्रिक टन प्राप्त हुआ था, इस वर्ष माह अक्टूबर में अभी तक लगभग 2.70 लाख मीट्रिक टन प्राप्त हो गया है। प्रदेश में यूरिया 5.20 लाख मीट्रिक टन, डीएपी + एनपीके का लगभग 2.80 लाख मीट्रिक टन स्टॉक उपलब्ध है। प्रदेश के सभी ज़िलों में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है। माँग अनुसार उर्वरक प्रदाय किया जा रहा है।

 

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