देश

10 रुपये की चाय, 15 की कॉफी, EC ने तय कर दिए कैंडिडेट के खर्च रेट

मुंबई
 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में खड़े उम्मीदवारों के खर्च पर चुनाव आयोग की पैनी नजर रहेगी। चुनाव खर्च पर्यवेक्षक उम्मीदवारों के खर्चों का तीन बार ऑडिट करेंगे। पहला निरीक्षण 8-9 नवंबर को होगा, जो उम्मीदवारों के नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 4 नवंबर के बाद होगा। इसके बाद 18 नवंबर तक दो और बार जांच की जाएगी। चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 12 लाख रुपये बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी है। पहले यह सीमा 28 लाख रुपये थी। उम्मीदवार लंबे समय से खर्च सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे थे।

चुनाव खर्च में बड़ा बदलाव कब?
चुनाव आयोग ने 2022 में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की खर्च सीमा 75 लाख रुपये से बढ़ाकर 90 लाख रुपये और विधानसभा चुनाव के लिए 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी थी। चुनाव खर्च सीमा में आखिरी बड़ा बदलाव 2014 में किया गया था, जिसे 2020 में 10 प्रतिशत और बढ़ा दिया गया था। 2022 में ही चुनाव आयोग ने लागत फैक्टर और अन्य संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने और उचित सिफारिशें करने के लिए एक समिति का गठन किया था।

2014 में किस आधार पर हुआ था बदलाव?
समिति ने राजनीतिक दलों, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और चुनाव पर्यवेक्षकों से सुझाव आमंत्रित किए थे। समिति ने पाया कि मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है और 2014 के बाद से लागत मुद्रास्फीति सूचकांक में भी वृद्धि हुई है। इसने प्रचार के बदलते तरीकों पर भी विचार किया, जो धीरे-धीरे वर्चुअल प्रचार की ओर बढ़ रहे हैं। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि उम्मीदवारों को खर्च के रजिस्टर में बदलाव करते समय विवरण जमा करना होगा और अगर कोई उम्मीदवार सीमा से अधिक खर्च करता है, तो नोटिस जारी किए जाएंगे।

कैसे तय किया जाता है चुनाव खर्च
खर्च प्रकोष्ठ को सौंपे गए खर्चों में गड़बड़ी के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ नोटिस जारी किए जा सकते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रमुख उम्मीदवारों को नोटिस जारी किए गए थे। उम्मीदवारों को 48 घंटे के भीतर नोटिस का जवाब देने का समय दिया जाता है। एक अधिकारी ने बताया कि अगर तय समय सीमा के भीतर खर्च का विवरण जमा नहीं किया जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा चुनाव से पहले जिला निर्वाचन अधिकारी उन वस्तुओं की दरें तय करते हैं जिनका उपयोग उम्मीदवार करेंगे, और वही दर चुनावी खर्च के तहत दिखानी होगी। दरें तय करने से पहले विचार-विमर्श किया जाता है।

10 रुपये की चायआने-जाने के लिए रिक्शा, टेंपो, एसयूवी किराए पर लेने की दरें चुनाव व्यय प्रकोष्ठ की ओर से निर्धारित मूल्य सूची में लिखी गईं हैं। इन दरों के आधार पर चुनावी खर्चों की जांच की जाती है। इसमें चाय की कीमत 10 रुपये और कॉफी की कीमत 15 रुपये तय करने से लेकर स्टॉल लगाने के लिए फर्नीचर और प्रचार सामग्री के उपयोग तक, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार इन्हीं दरों के आधार पर खर्च दिखा सकते हैं। सभी हितधारकों से चर्चा के बाद दरें तय की जाती हैं। यह चुनाव आयोग का एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हों। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि पैसे वाले उम्मीदवारों को अनुचित लाभ न मिले।

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com