स्वास्थ्य

रात की शिफ्ट में काम करने से फर्टिलिटी पर बुरा असर पुरुषों और महिलाओं दोनों में फर्टिलिटी क्षमता में आती है कमी :शोध

मुंबई

आजकल की लाइफस्टाइल कॉर्पोरेट के हिसाब से हो गई है. क्या दिन क्या रात लोग हर वक्त अपने काम में बिजी हैं. अगर आपको पता नहीं है तो जानकारी के लिए बता दें कि इसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ रहा है. सबसे हैरान करने वाला रिसर्च सामने आया है कि इसका असर आपकी फर्टिलिटी पर पड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक रात की शिफ्ट में काम करने से फर्टिलिटी पर इसका बुरा असर होता है. रात की शिफ्ट और प्रजनन क्षमता के बीच संबंध इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि रात की शिफ्ट पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता में कमी के साथ संबंधित है. रिसर्च से पता चला है कि रात की शिफ्ट में काम करने से सर्कैडियन लय बाधित हो सकती है. जो प्रजनन कार्य सहित विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है.

नींद हमारी सेहत (Health) के लिए उतना ही जरूरी है, जितना पौष्टिक आहार और वर्कआउट… आजकल लोग देर रात तक ऑफिस में काम करते हैं. जिसके कारण उनकी नींद पूरी नहीं होती है. इसकी वजह से कई तरह की फिजिकली और मेंटली प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. स्ट्रेस-डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी होने लगती है. इनकी वजह से ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज का जोखिम भी बढ़ सकता है. यही वजह है कि हर किसी को 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेने की सलाह दी जाती है. नींद की कमी से कई तरह की समस्याएं होती हैं, जिनमें फर्टिलिटी (sleep affects fertility) पर पड़ने वाला नकारात्मक असर भी शामिल है.

नींद की कमी से फर्टिलिटी की समस्या

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो यह आपकी प्रजनन (reproductive hormones) से संबंधित हार्मोन को प्रभावित कर सकती है. दिमाग को जो हिस्सा 'स्लीप वेक हार्मोन' को कंट्रोल करता है. वह नींद पूरी न होने पर महिलाओं में ओव्यूलेशन और पुरुषों में शुक्राणुओं (sperms) पर नकारात्मक असर छोड़ता है. स्टडी के मुताबिक, अगर महिलाएं ज्यादा लंबे समय तक नींद पूरी नहीं करती हैं तो एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरोन, प्रोलैक्टिन और ल्यूटिनाइजिंग जैसे प्रजनन हार्मोन्स पर सीधा असर पड़ता है और इससे बांझपन (infertility) की समस्या हो सकती है.

एक्सपर्ट से जानिए
साइंटिस्ट बताते हैं कि पुरुषों में स्वस्थ शुक्राणु के उत्पादन के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जब आप सोते हैं, तब नींद के दौरान ही यह हार्मोन रिलीज होता है. बोस्टन यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम और महामारी विज्ञान (epidemiology) के प्रोफेसर लॉरेन वाइज के मुताबिक, कई स्टडी में पता चला है कि ऐसे लोग जो पर्याप्त नींद लेते हैं, उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर प्रजनन के लिए सही बना रहता है. वहीं, कम नींद लेने से प्रजनन की समस्याओं का जोखिम ज्यादा रहता है.

क्या कहता है रिसर्च
बोस्टन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने एक स्टडी में 790 कपल पर रिसर्च किया. कई लेवल पर रिसर्च के बाद पाया गया कि ऐसे लोग जो हर दिन 6 घंटे की नींद लेते हैं, उनमें गर्भधारण से संबंधित समस्याओं का खतरा ज्यादा रहा है. ऐसे पुरुष जो बहुत कम या बहुत देर तक सोते थे, उनमें प्रजनन समस्याएं 42% ज्यादा पाया गया.

पर्याप्त नींद लेने के लिए क्या करें
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, अपनी दिनचर्या ऐसे बनाए, जिसमें पर्याप्ट नींद मिल सके.

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रोजाना एक्सरसाइज-वर्कआउट करें

सोने-जागने का समय तय करें और रोजाना इसे फॉलो करें.
बेडरूम को शांत और कम रोशनी वाला ही रखने की कोशिश करें, जिससे अच्छी नींद मिले.
शराब से जितना हो सके दूरी बनाएं. यह नींद को प्रभावित करता है.

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