छत्तीसगढ़

दुर्ग जिले में पुलिस ने मतांतरण मामले में कार्रवाई, घर के लालच में बुजुर्ग महिला ने किया धर्म परिवर्तन

दुर्ग

छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग जिले में ईसाई मिशनरियों ने घर का लालच देकर मतांतरित करवा लिया। चर्च जैसा दो मंजिला पक्का घर बनवा दिया। इसमें नीचे बड़ा हाल और ऊपर तीन कमरे थे। हाल में हर रविवार को प्रार्थना सभा होती थी।

मतांतरण के बाद जवान बेटे की मौत के बाद बुजुर्ग महिला श्याम बाई यादव का भ्रम टूटा तो उसने अपनी बहू गीता यादव और पास्टर पतिराम देशमुख सहित 10 लोगों को जेल भिजवाया दिया। बुजुर्ग महिला का कहना है कि अपना धर्म छोड़कर मतांतरण के बाद मेरा जवान बेटा मर गया… मुझे भी लकवा मार गया।

मेरे अन्य बेटों और बेटियों ने मुझसे रिश्ता खत्म कर लिया था। लगने लगा था कि अपना धर्म छोड़कर मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी। अब मैं अपना देवता ही पूजुंगी, लेकिन अपना देवता पूजने पर मेरी बहू गीता और पास्टर पतिराम मुझे मेरे ही घर से निकालने की धमकी दे रहे हैं।

इसलिए मैंने अपने बाकी बच्चों से बात की और बजरंग दल के लोगों को बुलवाया। इसके बाद बहू गीता, पास्टर पतिराम देशमुख और उसके साथ आए लोगों को थाने तक पहुंचाया। मतांतरण के बाद ग्लानि से भरी हुई शिव पारा पुलगांव निवासी 75 वर्षीय श्याम बाई आपबीता, उन्हीं की जुबानी…।

मेरे साथ बहुत बुरा हो चुका है, अब पूजुंगी अपना देवता
मैं पहले यहां पर अपनी झोपड़ी जैसे घर में बेटा गौकरण, बहू गीता और दो पोतियों के साथ रहती थी। सिर पर जटाएं थीं, अपने देवता को पूजती थी। मेरा बेटा गौकरण शराब पीता था। इससे घर में गरीबी थी। करीब छह साल पहले मेरी बहू, मुझे और बेटे गौकरण को कोहका में किसी पादरी के पास ले गई थी। उस पादरी ने एक अन्य पादरी पतिराम से मिलवाया।

उसने मुझसे कहा कि अपना देवता छोड़कर प्रभु ईशु को मानो तो हम तुम्हारा घर बनवा देंगे। तुम्हारी सभी परेशानी खत्म हो जाएगी। बहू के दबाव और बेटे के भी सहमत होने के कारण मैं प्रार्थना सभा में जाने लगी। फिर पास्टर पतिराम ने मेरे घर में रखे भगवान को बोरे में भरकर फेंकवा दिया। उसने ही मेरा घर बनवाया और नीचे चर्च जैसा बनवाकर यहीं पर प्रार्थना सभा करवाने लगा।

घर में प्रार्थना सभा शुरू होने पर मेरे अन्य तीन बेटों और तीनों बेटियों ने मुझसे नाता तोड़ दिया। मेरे घर आना-जाना बंद कर दिया। तीन साल पहले मेरा जवान बेटा गौकरण मर गया। मुझे लकवा मार गया। इतनी अनहोनी और मेरे साथ इतना बुरा होने के बाद मुझे लगा कि मैंने अपना धर्म छोड़कर बहुत बड़ी गलती कर दी है।

फिर मैंने प्रार्थना सभा में बैठना बंद कर दिया तो मेरी बहू गीता और पादरी पतिराम ने मुझे मेरे ही घर से निकालने की धमकी देना शुरू कर दिया। फिर मैंने अपने बेटों और बेटियों को इसके बारे में बताया। मेरे बच्चों ने मेरा साथ दिया।

रविवार को वे लोग मेरे घर में प्रार्थना करने पहुंचे तो मेरे बच्चे बजरंग दल वालों को लेकर आए और सभी को थाने भिजवाया। मैं अपने घर से पादरी पतिराम की दी हुई कुर्सी, टेबल और पूरा सामान उसे लौटा दूंगी, उसके बाद अपने सभी बच्चों को बुलवाकर पूजा करवाकर अपने देवता को वापस लाऊंगी। अब अपना देवता ही पूजुंगी।

बजरंग दल की मिली मदद, आरोपित गए जेल

पुलगांव पुलिस ने रविवार को शिवपारा निवासी श्याम बाई की बहू गीता, न्यू आदर्श नगर दुर्ग निवासी पास्टर पतिराम देशमुख सहित 10 लोगों के खिलाफ पुलगांव पुलिस से शिकायत की थी। जिस पर पुलिस ने सभी के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा था।

श्याम बाई ने इस रविवार से अपने घर में प्रार्थना सभा न होने का निर्णय लिया और अपने बच्चों व बजरंग दल के लोगों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद मतांतरण करवाने वाले लोगों को जेल भेजा गया।

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

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