याची ने अलीगढ़ की गैंगिरी प्रथम जिला पंचायत व ब्लाक बिजौली की ग्राम पंचायत दादौन की ग्राम पंचायत में स्वतंत्रता सेनानी आश्रित के लिए सीट आरक्षण की मांग की थी. जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधिक व्यवस्था न होने के कारण हस्तक्षेप से इंकार कर दिया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election) में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित को आरक्षण (Reservation) की मांग को लेकर दाखिल याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 243डी के तहत पंचायतों में केवल अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व महिलाओं के लिए सीट आरक्षण की व्यवस्था की गई है. अन्य किसी वर्ग के लिए नहीं है. ऐसे में स्वतंत्रता सेनानी आश्रित के लिए पंचायत चुनावों में आरक्षण की मांग करने का कोई वैधानिक आधार नहीं है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति डॉ वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अजय पाल सिंह की याचिका पर दिया है.
अलीगढ़ जिला पंचायत को लेकर अजय पाल सिंह की याचिका
याची ने अलीगढ़ की गैंगिरी प्रथम जिला पंचायत व ब्लाक बिजौली की ग्राम पंचायत दादौन की ग्राम पंचायत में स्वतंत्रता सेनानी आश्रित के लिए सीट आरक्षण की मांग की थी. जिस पर कोर्ट ने विधिक व्यवस्था न होने के कारण हस्तक्षेप से इंकार कर दिया.
आरक्षण की मांग का कोई विधिक आधार नहीं: HC
कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 15(4) व 16(4) में सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को उच्च शिक्षा व नौकरियों में आरक्षण का उपबंध है. उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत अधिनियम 1961 मे जिला, क्षेत्र व ग्राम पंचायतों में सामुदायिक प्रतिनिधित्व देने के लिए सीटों के आरक्षण की व्यवस्था की गई है. इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी व महिलाओं के लिए ही सीटो के आरक्षण का उपबंध है. अन्य किसी वर्ग के लिए नहीं है. ऐसे में स्वतंत्रता सेनानी आश्रित को आरक्षण की मांग करने का विधिक आधार नहीं है.