डीएचएफएल के अधिग्रहण का यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (National Company Law Tribunal) के सामने रखा जाएगा.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अजय पीरामल के पीरामल ग्रुप (Piramal Group) को कर्ज के बोझ से दबी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लि. यानी डीएचएफएल (Dewan Housing Finance Corporation Ltd) के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. अब अधिग्रहण का यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (National Company Law Tribunal) के सामने रखा जाएगा.
DHFL के कर्जदाताओं ने पिरामल की बोली पर लगाई थी मुहर, मिले 94 फीसदी वोट
आरबीआई की यह मंजूरी डीएचएफएल को अधिग्रहित करने के लिए लगी बोली में पीरामल ग्रुप के जीतने के लगभग 1 महीने बाद आई है. बता दें 15 जनवरी को डीएचएफएल के क्रेडिटर्स ने विनींग लीडर के रुप में पीरामल के फेवर में वोटिंग की थी. इस वोटिंग में पीरामल को 94 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे.
पीरामल ग्रुप ने लगाई थी 37,250 करोड़ रुपये की बोली
इस अधिग्रहण के दौड़ में अमेरिकन एसेट मैनजमेंट कंपनी Oaktree भी शामिल थी जिसको 45 फीसदी वोट मिले थे. वहीं इस दौड़ में शामिल एक और कंपनी अडाणी कैपिटल को 18 फीसदी वोट मिले थे. Oaktree ने डीएचएफएल के लिए 38400 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी जबकि पीरामल ने 37,250 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. हालांकि पीरामल के ऑफर में अपफ्रंट कैश का हिस्सा ज्यादा था जिससे इसको बोली जीतने में सहायता मिली.
DHFL पर करीब 91,000 करोड़ रुपये का कर्ज
बता दें कि डीएचएफएल 2018 के अंत में IL&FS का बुलबुला फटने के बाद उत्पन्न हुए लिक्विडीटी संकट की वजह से मुश्किल में आ गई थी. उसके बाद से ही कंपनी का मामला दिसबंर 2019 में एनसीएलटी के सामने गया. उसके बाद से ही कंपनी के देनदार इसके लिए किसी रिजोल्यूशन के कोशिश में लगे हुए थे. डीएचएफएल पर करीब 91,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी पर सबसे ज्यादा 10,000 करोड़ रुपये कर्ज एसबीआई का है. इसके साथ ही बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, एनएचबी, यूनियन बैंक ऑफ इंजिया, सिंडिकेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने कंपनी को कर्ज दे रखा है.