भोपाल में पेट्रोल-डीजर के दाम फिर बढ़ गए हैं. पेट्रोल कंपनियों पर विरोध का कोई असर नहीं. पेट्रोल में 40 पैसे और डीजल में 61 पैसे की बढ़ोतरी हुई.
पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि के विरोध का पेट्रोलियम कंपनी पर कोई असर नहीं दिख रहा. शनिवार को फिर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए. पेट्रोल में 40 पैसे और डीजल में 61 पैसे की बढ़ोतरी हुई. इस बढ़ी दर के साथ पेट्रोल बढ़कर 98.58 रुपए प्रति लीटर और डीजल 89.21 रुपए पर पहुंच गया.
गौरतलब है कि पूरे देश में पेट्रोल डीजल की कीमतें (Petrol Diesel Price) लगातार तेजी से बढ़ रही हैं. सप्ताह के आखिरी दिन भी पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ गए. दिल्ली में पेट्रोल 39 पैसे बढ़कर अब 90.58 रुपये प्रति लीटर हो गया है. जबकि डीजल प्रति लीटर 37 पैसे महंगा होने के बाद 80.97 रुपये हो गया है.
लगातार 12वें दिन बढ़ोतरी
पेट्रोल डीजल के दाम में ये बढ़ोतरी लगातार 12वें दिन और इस महीने 14वीं बार हुई है. इस समय लगभग हर शहरों में दोनों ईधनों के दाम उच्यतम स्तर (All Time High) पर चल रहे हैं. ज्यादातर शहरों में पेट्रोल 100 रुपये के करीब पहुंच चुका है. अगर मध्यप्रदेश के भोपाल शहर की बात करें तो XP Petrol 101.51 रुपये पर बिक रहा है.
मुंबई में ये हुई तेल की कीमत
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल का भाव 97 रुपए प्रति लीटर पर चला गया है. मुंबई में पेट्रोल की कीमत 97 रुपये प्रति लीटर और डीजल की 88.06 रुपये प्रति लीटर हो गई है. अन्य शहरों में भी पेट्रोल डीजल के दाम रोज नए रिकॉर्ड स्तर को छू रहे हैं.
हर दिन 6 बजे बदलती है कीमत
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना सुबह 6 बजे बदलाव होता है. सुबह 6 बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं. पेट्रोल डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है. विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है.
क्यों बढ़ रहे पेट्रोल डीज़ल के दाम
दरअसल, भारत में पेट्रोल डीज़ल का खुदरा भाव वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के भाव से लिंक है. इसका मतलब है कि अगर वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव कम होता है तो भारत में पेट्रोल डीज़ल सस्ता होगा. अगर कच्चे तेल का भाव बढ़ता है तो पेट्रोल डीज़ल के लिए ज्यादा खर्च करना होगा, लेकिन हर बार ऐसा होता नहीं है. जब वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव चढ़ता है तो ग्राहकों पर इसका बोझ डाला जाता है, लेकिन जब कच्चे तेल का भाव कम होता है, उस वक्त सरकार अपनी रेवेन्यू बढ़ाने के लिए ग्राहकों पर टैक्स का बोझ डाल देती है.