बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को फिर से मेरिस्ट लिस्ट जारी करने के आदेश दिए हैं। साथ ही कहा है कि एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट देखकर अभ्यर्थियों के नंबर जोड़े जाएं और नई सूची तैयार हो। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने पर विभाग की ओर से पहले जारी की गई मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी की बात को लेकर प्रदेश भर के अभ्यर्थियों न हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
कमलेश कुमार देशमुख सहित अन्य ने वकील अच्युत तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने MPW महिला और पुरुष पद की भर्ती निकाली थी। भर्ती में भाग लेने वालों की परीक्षा होने के साथ ही उनको अतिरिक्त अनुभव होने का भी लाभ मिलेगा। इसके लिए प्रति वर्ष 3 अंक के हिसाब से 15 अंक दिए जाएंगे। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने और मेरिट लिस्ट जारी होने पर कई अनुभवी प्रत्याशियों का नाम गायब था।
अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की थी
याचिका में कहा गया कि अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में उनके अनुभव के अंक नहीं दिए गए । इस बात की जानकारी होने पर उन्होंने हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की। मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि सभी प्रत्याशियों का अनुभव प्रमाण-पत्र को देखकर और उसके अंक को जोड़कर नया मेरिट लिस्ट जारी करें। मामले की सुनवाई जस्टिस पी. सैम कोशी की एकल पीठ में हुई।