पंजाब सरकार ने बुधवार को शाहपुर कंडी डैम परियोजना (Shahpurkandi dam project) पर बनने वाले 206 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट्स को लेकर मेसर्स ओम इन्फ्रा लिमेटिड जे.वी. के साथ समझोता किया. इन पावर प्रोजेक्ट्स को निमार्ण कार्य मार्च 2021 में शुरू कर दिया जाएगा. इनका निमार्ण कार्य 36 महीनों में पूरा होगा.
यह पावर प्रोजेक्ट शुरू होने पर सालाना 415 करोड़ रुपए की बिजली उत्पन्न करेंगे. इन बिजली घरों के इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्यों को पहले ही पीएसपीसीएल द्वारा शुरू कर दिया गया है. सरकार की तरफ से इस समझोते पर जल संसाधन मंत्री स. सुखबिन्दर सिंह सरकारिया (Water Resources Minister
Sukhbinder Singh Sarkaria) और जल स्रोत विभाग के प्रमुख सचिव सरवजीत सिंह ने हस्ताक्षर किए.
शाहपुरकंडी परियोजना का 60 फीसदी काम पूरा
इस मौके पर सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने कहा कि शाहपुर कंडी बांध परियोजना राज्य में प्रदूषण मुक्त बिजली उत्पादन और सिंचाई प्रणाली में सुधार के लिए फायदेमंद साबित होगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार शाहपुरकंडी बांध का काम युद्धस्तर पर कर रही है. मेन डैम का लगभग 60 प्रतिशत काम पहले ही पूरा हो चुका है. जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव सर्वजीत सिंह ने बताया कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड हाल ही में जम्मू कश्मीर के क्षेत्र लिए निर्माण कार्यों को मंजूरी दे दी है. सचिव ने कहा कि सरकार मार्च तक जम्मू और कश्मीर से सटे क्षेत्र में काम शुरू करने की योजना बना रही है ताकि परियोजना समय पर पूरी हो सके. इस परियोजना से पंजाब और जम्मू-कश्मीर में 37000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2018 में पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच भारत की नदियों के वहां की ओर बहाव को रोकने की बात की थी. इसके बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब की सीमा पर रावी नदी पर शाहपुरकंडी डैम परियोजना को मंजूरी दी थी. इस परियोजना का पूरा करने का लक्ष्य 2022 तय किया गया था. संभावना यह जताई जा रही है कि 2022 के आखिरी तक इस डैम पर रावी के पानी को रोककर झील बन जाएगी. इससे पाकिस्तान की ओर जाने वाले रावी के पानी को नियंत्रित किया जा सकेगा.