पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को मिनी बस परमिट नीति की घोषणा की और राज्य सरकार की ‘घर घर कारोबार ते रोजगार’ मिशन के तहत ग्रातीण क्षेत्र के युवाओं को 3,000 परमिट वर्चुअल तरीके से बांटे. सिंह ने बताया कि साल के अंत तक और 8,000 परमिट बांटे जाएंगे. पूरे साल में कुल 11,000 परमिट बंटेंगे. इससे प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों रूप में रोजगार सृजन होगा और परमिट के लिए आवेदन करने में ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए कोई समय सीमा नहीं है.
मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग से कहा कि वह अगले तीन महीने में आवेदकों के लिए आसान ऑनलाइन सुविधा विकसित करे और सभी बसों के लिए परमिट जारी करने में पारदर्शिता लाए
उन्होंने पूर्ववर्ती शिअद-भाजपा सरकार पर कुछ चुनिंदा लोगों को ‘‘अवैध’’ परमिट जारी करने का आरोप लगाया.
बस ऑपरेटर्स का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली है कि सरकार नए परमिट जारी करने जा रही है. उनका कहना है कि पहले भी कई बार सरकार से मांग की जा चुकी है कि राज्य में करीब 6700 मिनी बस परमिट हैं, जिन्हें जारी रखकर इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को रोजगार से जोड़कर रखा जा सकता है.
यदि सरकार नए परमिट जारी करती है तो बहुत से ऑपरेटर्स नए आ जाएंगे और कईं पुराने ऑपरेटर्स परमिट से वंचित रह जाएंगे. जिससे इन ऑपरेटर्स के साथ जुड़े कर्मचारी बेरोजगारी का शिकार हो सकते हैं.