भारत, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया ने बुधवार को हिन्द प्रशांत क्षेत्र में त्रिपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की. वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में तीनों पक्षों ने पिछले वर्ष सितंबर में आयोजित विदेश सचिव स्तर की त्रिपक्षीय वार्ता के परिणामों की प्रगति की समीक्षा की जिसमें नौवहन सुरक्षा, मानवीय सहायता एवं आपदा राहत, समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था, अवैध, अविनियमित और गैर सूचित ढंग से मछली पकड़ने की समस्या से निपटने और बहुस्तरीय मंच पर सहयोग जैसे विषय शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पश्चिमी यूरोप) संदीप
चक्रवर्ती ने किया, जबकि फ्रांसीसी पक्ष का नेतृत्व निदेशक (एशिया एवं ओशेनिया) बर्टरैंड लोर्थोलारी ने किया. वहीं, ऑस्ट्रेलियाई पक्ष का नेतृत्व प्रथम सहायक सचिव (उत्तर एवं दक्षिण एशिया प्रकोष्ठ) गैरी कोवान एवं प्रथम सहायक सचिव (यूरोप एवं लातिन अमेरिका प्रभाग) जॉन गिरिंग ने किया.
बैठक में हिन्द प्रशांत क्षेत्र में त्रिपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई. यह बैठक ऐसे समय हुई है जब हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चीन की सैन्य आक्रामकता बढ़ रही है. हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव की पृष्ठभूमि में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के गठबंधन (क्वाड) के विदेश मंत्रियों की बीते 19 फरवरी को हुई बैठक में भी सभी पक्षों ने कानून के शासन, पारदर्शिता और विवादों के शांतिपूर्ण ढंग से निपटारे पर जोर दिया.
क्वाड मंत्रियों ने मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत में नौवहन स्वतंत्रता पर दिया जोर
इससे पहले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 19 फरवरी को चार देशों के गठबंधन (क्वाड) की मंत्री स्तर की वार्ता में हिस्सा लिया जिसमें सभी पक्षों ने नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, क्षेत्रीय अखंडता एवं सम्प्रभुता का सम्मान, अंतरराष्ट्रीय सागर क्षेत्र में नौवहन स्वतंत्रता, मुक्त और समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की साझी दृष्टि को दोहराया. विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, क्षेत्रीय मुद्दों पर इनके बीच विचारों का सार्थक आदान प्रदान हुआ जिसमें असियान की प्रमुखता को समर्थन के साथ मुक्त और समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की साझी दृष्टि को दोहराया गया.