केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि यदि ऑटो कंपनियां स्वदेशी कलपुर्जों को बढ़ावा देने लिए गंभीरता नहीं दिखाती हैं तो सरकार इनके आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा देगी.
आत्मनिर्भर अभियान के लिए सरकार अब सख्ती दिखा सकती है. सबसे पहले, ऑटो सेक्टर (Auto sector) में स्वदेशी कलपुर्जों के इस्तेमाल पर सरकार ऑटो कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है. केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) गुरुवार को इसके संकेत भी दिए.
गडकरी ने कहा कि अगर ऑटो कंपनियां स्वदेशी कलपुर्जों को बढ़ावा देने लिए गंभीरता नहीं दिखाती हैं तो सरकार इनके आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा देगी. उन्होंने कहा कि ऑटो कंपनियों को आयात बंद करना चाहिए और घरेलू कंपनियों को कम लागत पर आयात का विकल्प विकसित करना चाहिए. गडकरी ने Automotive Component Manufacturers Association of India (ACMA) के छठे Technology Summit को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए यह बात कही. विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लेती है तो कंपनियाें के पास दाम बढ़ाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा.
यह कहा केंद्रीय मंत्री गडकरी ने
गडकरी ने कहा, ‘मैं ऑटो मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का अनुरोध कर रहा हूं. अन्यथा हमें ऑटो पार्ट्स के आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने पर विचार करना होगा. इसलिए इंडस्ट्री के पास यह मेक इन इंडिया मूवमेंट को सपोर्ट करने का समय है.’ गडकरी ने कहा, ‘कंपोनेंट्स सेक्टर की मजबूत क्षमताओं के कारण ही भारत में वाहन उद्योग करीब 70 फीसदी लोकलाइजेशन हासिल करने में कामयाब रहा है. मैं वाहन और कलपुर्जे बनानी वाली कंपनियों से अनुरोध करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा घरेलू कलपुर्जों का इस्तेमाल करें. मैं 100 फीसदी स्वदेशी कलपुर्जों के इस्तेमाल की उम्मीद करता हूं. उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को सपोर्ट करने के लिए सरकार वीकल स्क्रैपेज पॉलिसी को अंतिम रूप दे रही है. साथ ही स्टील जैसे कच्चे माल की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.’
ऑटो पार्ट्स पर आयात शुल्क बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया
केंद्र पहले ही ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स के आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी बढ़ा चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिकल्स, ग्लास और इंजन कंपोनेंट्स जैसे कई ऑटो पार्ट्स पर आयात शुल्क बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया था. पहले इन पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5 फीसदी से 10 फीसदी थी.