किसान आंदोलन को समर्थन देने के बहाने कांग्रेस उपचुनाव (Rajasthan assembly by-elections) की तैयारियों में जुट गई है. इसके तहत शनिवार को राजस्थान में दो बड़े किसान सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे.
देश में किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को लेकर सियासत गरमाई हुई है और कांग्रेस (Congress) इस मौके को भुनाने की कवायद में जुटी है. प्रदेश में कल कांग्रेस दो बड़े किसान सम्मेलन (Farmers conference )आयोजित करने जा रही है. ये सम्मेलन किसान सियासत साधने के साथ ही उपचुनावों के लिए भी कांग्रेस की जमीन भी तैयार करने का काम करेंगे. एक तरह से इन किसान सम्मेलनों के जरिये कांग्रेस उपचुनाव (Rajasthan assembly by-elections) के घमासान का शंखनाद करेगी.
कांग्रेस एक तीर से दो निशाने साधने की जुगत में है. शनिवार को पार्टी दो बड़े किसान सम्मेलन आयोजित करेगी. इन किसान सम्मेलनों के जरिये जहां किसानों को साधने की कोशिश होगी वहीं प्रदेश में चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव को फतह करने की भी कवायद की जायेगी. बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ और चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडियां में होने वाले ये किसान सम्मेलन उपचुनाव की दृष्टि से भी कांग्रेस के लिये बेहद महत्वपूर्ण हैं.
यह रहेगा किसान सम्मेलनों का कार्यक्रम
– सुबह 11.30 बजे श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बीदासर के पास पिलानिया की ढाणी में किसान सम्मेलन होगा.
– दोपहर 2 बजे चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया में किसान सम्मेलन होगा.
– मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अजय माकन करेंगे इन सम्मेलनों को संबोधित.
– पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा समेत कई मंत्री – नेता भी करेंगे संबोधित.
– श्रीडूंगरगढ़ का सम्मेलन सुजानगढ़ उपचुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण है.
– मातृकुंडियां का सम्मेलन सहाड़ा, राजसमंद और वल्लभनगर सीट के लिहाज से अहम है.
– तीनों सीटों का सेंटर प्वाइंट और बड़ा धार्मिक स्थल है मातृकुंडिया.
– मातृकुण्डियां में भीलवाड़ा, उदयपुर और राजसमंद से 50 हजार की भीड़ जुटाने का टारगेट है.
एआईसीसी के निर्देश पर आयोजित किये जा रहे हैं सम्मेलन
मातृकुण्डियां में किसान सम्मेलन की व्यवस्थाओं का जिम्मा सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना के पास है तो वहीं श्रीडूंगरगढ़ में किसान सम्मेलन का जिम्मा उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी के कंधों पर है. एआईसीसी से कार्यक्रम के अनुसार ये किसान सम्मेलन किये जा रहे हैं. पहले जयपुर में प्रदेश स्तर का किसान सम्मेलन किया जाना प्रस्तावित था. लेकिन उपचुनाव के मद्देनजर पार्टी ने श्रीडूंगरगढ़ और मातकुंडिया में दो अलग – अलग किसान सम्मेलन करना ज्यादा उचित समझा.
पायलट आयेंगे या नहीं इस पर संशय बरकरार है
प्रदेश में जगह-जगह किसान सम्मेलन कर रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट इन किसान सम्मेलनों में शामिल होंगे या नहीं इसे लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं. प्रदेश में इन दिनों किसान आंदोलन को लेकर सियासत तेज है और कांग्रेस लगातार इसे समर्थन देकर इसे भुनाने का प्रयास कर रही है. हाल ही में राहुल गांधी दो दिन के प्रदेश दौरे में किसान सम्मेलनों को संबोधित कर के गए थे. अब प्रदेश कांग्रेस किसान सम्मेलनों के जरिए किसानों के साथ ही उपचुनाव साधने की कवायद में जुटी है.