छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने आरोप लगाया, ‘सर्वानंद सोनोवाल सिंडिकेट चला रहे हैं. वह मुख्यमंत्री बनने से पहले सिंडिकेट में शामिल थे
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अगर कांग्रेस नीत ‘महागठबंधन’ की सरकार असम (Assam Assembly Election 2021) में बनती है तो मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और वित्तमंत्री हिमंत बिस्व सरमा सहित भाजपा सरकार और उसके मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के सभी आरोपों की जांच कराई जाएगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी के करीबी बघेल को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की असम इकाई का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. इस राज्य में मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होंगे.
बघेल से जब पूछा गया कि क्या महागठबंधन निवर्तमान सरकार
के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच, सत्ता में आने पर कराएगा? इस पर उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर आरोपों की जांच कराई जाएगी और संविधान और कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.’ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने हालांकि, कहा कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सदस्यों के खिलाफ ‘बदले की भावना’ से कार्रवाई नहीं की जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘गलत हमेशा गलत होता है. भ्रष्टाचार के सभी आरोपों की जांच कराई जाएगी. जब हमारी पार्टी की सरकार आएगी तो संविधान का पालन किया जाएगा. हम संविधान का पालन करेंगे और किसी के खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष की भावना से काम नहीं करेंगे. अगर किसी ने गलत किया होगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.’ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने अपने असमी समकक्ष पर आरोप लगाया कि वह लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों जैसे मवेशी, कोयला, मछली, अंडा और सुपारी का सिंडिकेट चलाने में सीधे तौर पर शामिल हैं.
सोनोवाल सिंडिकेट चला रहे- बघेल
बघेल ने आरोप लगाया, ‘सर्वानंद सोनोवाल सिंडिकेट चला रहे हैं. वह मुख्यमंत्री बनने से पहले सिंडिकेट में शामिल थे और सत्ता में आने के बाद भी उसे जारी रखा. वह सीधे तौर पर सिंडिकेट में शामिल है और उनके संरक्षण में यह हो रहा है.’ अपने पूर्व पार्टी सहकर्मी रहे सरमा को इंगित करते हुए बघेल ने कहा कि भाजपा ने उन पर तमाम भ्रष्टचार के आरोप लगाए थे जब वह तरुण गोगोई सरकार में थे.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा में शामिल होते ही उनके सभी पाप धुल गए. क्यों पिछले पांच साल से सीबीआई (शारदा चिट फंड घोटाला मामले में)उनकी जांच नहीं करती?’ बघेल ने दावा करते हुए कहा, ‘भाजपा की नीति ‘पहले धमकाओं और फिर पार्टी में शामिल करो’ है. यह वह परिपाटी है जो भाजपा पूरे देश में और सभी के साथ कर रही है. जो भयभीत हो जाते हैं वे उनसे जुड़ जाते हैं और फिर उन्हें संरक्षण मिल जाता है.’
उन्होंने आरोप लगाया कि सरमा ने शारदा चिट फंड और लुइस बर्जर रिश्वत कांड मामलों में अपने बचाव के लिए कांग्रेस छोड़ी और भाजपा में शामिल हुए. पिछले महीने से चौथी बार असम में कांग्रेस की चुनावी तैयारियों का मुआयना करने आए बघेल भाजपा सरकार के खिलाफ, खासतौर पर सोनोवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुखर हैं. कांग्रेस इस बार असम विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ उतर रही है जिसमें एआईडीयूएफ, माकपा, भाकपा, आंचलिक गण मोर्चा शामिल हैं.