केंद्र सरकार ने लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Life Insurance Corporation of India) के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) से पहले बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने एलआईसी (LIC) की ऑथोराइज्ड कैपिटल को बढ़ाकर 25,000 रुपए कने का प्रस्ताव किया है, जिससे अगले वित्त वर्ष में कंपनी की लिस्टिंग में मदद मिलेगी.
सरकार ने जीवन बीमा निगम (LIC) की अधिकृत पूंजी को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाकर 25,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, जिससे अगले वित्त वर्ष में कंपनी की सूचीबद्धता में मदद मिलेगी. फिलहाल 29 करोड़ पॉलिसियों के साथ जीवन बीमा कंपनी की चुकता पूंजी 100 करोड़ रुपये है. एलआईसी की शुरुआत 1956 में पांच करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ हुई थी. एलआईसी का संपत्ति आधार 31,96,214.81 करोड़ रुपये है.
जीवन बीमा अधिनियम, 1956 में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार एलआईसी की अधिकृत पूंजी को बढ़ाकर 25,000 करोड़ रुपये किया जाएगा. इसे 10 रुपये प्रत्येक के 2,500 करोड़ शेयरों में
बांटा जाएगा. वित्त विधेयक, 2021 के तहत प्रस्तावित इस संशोधन से सूचीबद्धता प्रतिबद्धताओं के अनुसार बोर्ड का गठन स्वतंत्र निदेशकों के साथ किया जाएगा.
10 फीसदी हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए रहेगा आरक्षित
27 प्रस्तावित संशोधनों में से एक के अनुसार आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के बाद पांच साल तक सरकार एलआईसी में कम से कम 75 प्रतिशत हिस्सेदारी रखेगी. सूचीबद्धता के पांच साल बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी कम से कम 51 प्रतिशत रहेगी. वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछले महीने कहा था कि एलआईसी के आईपीओ में कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रहेगा.
इसके साथ ही आगे ठाकुर ने कहा था कि सरकार कंपनी की बहुलांश शेयरधारक बनी रहेगी. साथ ही उसका प्रबंधन पर भी नियंत्रण रहेगा, जिससे पॉलिसीधारकों का हित सुरक्षित रहेगा.
वित्तमंत्री ने कही ये बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि एक अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष में एलआईसी का आईपीओ आएगा. फिलहाल एलआईसी में सरकार की शतप्रतिशत हिस्सेदारी है. सूचीबद्धता के बाद बाजार पूंजीकरण के लिहाज से यह देश की सबसे बड़ी कंपनी हो जाएगी. इसका अनुमानित मूल्यांकन आठ से दस लाख करोड़ रुपये होगा.