छत्तीसगढ़ के बठेना गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत के मामले में राजनीति भी गर्म हो गई है। विपक्ष इस मामले पर प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था से जोड़कर देख रहा है। इसे कुछ महीने पहले खुड़मुड़ा गांव में हुई एक परिवार की सामूहिक हत्या जैसा बताया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कहा है कि बठेना गांव की घटना को खुड़मुड़ा में हुई घटना से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने बिरगांव पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा, इन घटनाओं में लोगों की मृत्यु हुई है। यह बेहद दुखद है लेकिन बठेना की घटना को खुडमुड़ा की घटना से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। दोनों घटनाएं अलग हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, खुडमुड़ा के अपराधी अभी तक पकड़े नहीं जा सके हैं, यह चिंता का विषय है। आज सुबह पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बठेना के बहाने सरकार पर सवाल उठाये थे। रमन सिंह ने सोशल मीडिया में लिखा, यकीन नहीं होता यह छत्तीसगढ़ की खबरें हैं। कांग्रेस सरकार में पुलिस बेबस और अपराधी ताकतवर हो गए हैं, इसलिए हर दिन अखबार के पन्नों में हत्याए लूट, बलात्कार, अपहरण की खबरें छपती हैं। बेहद दुखद ! यह कैसा छत्तीसगढ़ गढ़ रहे हैं भूपेश बघेल जी।
क्या हुआ है बठेना में
दुर्ग जिले के बठेना गांव के रहने वाले 52 साल के रामबृज गायकवाड़ का शव उसके 24 साल के बेटे संजू गायकवाड़ के साथ फंदे पर लटका मिला। रामबृज की पत्नी जानकी बाई और दो बेटियां 28 साल की दुर्गा और 21 साल की ज्योति का शव घर से कुछ दूरी पर पैरावट में जलता हुआ बरामद किया गया। घर से पांच पृष्ठ का एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें कर्ज और सूदखाेरों की ओर से मिल रही प्रताड़ना का जिक्र है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
खुड़मुड़ा में क्या हुआ था
20-21 दिसंबर की दरमियानी रात दुर्ग जिले के खुड़मुड़ा गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या हो गई थी। बालाराम सोनकर, उनकी पत्नी दुलारी सोनकर, बेटा रोहित और बहू कीर्तनीबाई में से तीन का शव पानी की टंकी में फेंका हुआ था। इनमें से दो की हत्या गला दबाकर की गई थी, जबकि एक व्यक्ति के सिर पर वार किया गया था। एक 11 साल के बच्चे दुर्गेश पर भी हमला हुआ था, हत्यारे इसे मरा सकझकर छोड़ गये थे। इस मामले में पुलिस के हाथ अभी भी खाली है।