हिमाचल में सबसे अधिक भूकंप चंबा जिले में आते हैं. इसके बाद किन्नौर, शिमला, बिलासपुर और मंडी संवेदनशील जोन में हैं. शिमला जिले को लेकर भी चेतावनी दी गई थी कि यह शहर भूकंप जैसी आपदा के लिए तैयार नहीं है.
हिमाचल प्रदेश के चंबा (Chamba) जिले में एक बार फिर से भूकंप (Earthquake) आया है. यहां लगातार दूसरे दिन धरती हिली है. मंगलवार को 12 बजकर 34 मिनट पर भूकंप (Earthquake) आया है और रिक्टर स्केल पर 3.5 थी. इस दौरान किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है. मौसम विभाग के शिमला (Shimla) केंद्र ने भूकंप की पुष्टि की है.
8 मार्च को भी आया था भूकंप
इससे पहले, आठ मार्च को भी भूकंप आया था. सोमवार को सुबह 10.20 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. इस दौरान भूकंप की तीव्रता 3.6 रिक्टर स्केल मापी गई थी.
चंबा में आते हैं सबसे अधिक भूकंप
हिमाचल में सबसे अधिक भूकंप चंबा जिले में आते हैं. इसके बाद किन्नौर, शिमला, बिलासपुर और मंडी संवेदनशील जोन में हैं. शिमला जिले को लेकर भी चेतावनी दी गई थी कि यह शहर भूकंप जैसी आपदा के लिए तैयार नहीं है. इसके अलावा किन्नौर में 1975 में बड़ा भूकंप आ चुका है. वहीं, कांगड़ा में 1905 में भूकंप आया था, जिसमें 20 हजार लोगों की जान गई थी.
हिमालयी रीजन को लेकर चेतावनी
वैज्ञानिकों ने हिमालय पर्वत शृंखला में सिलसिलेवार भूकंप को लेकर चेतावनी जारी की है. कहा है कि यहां बड़ा भूकंप आ सकता है. इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर आठ या उससे भी अधिक हो सकती है. वैज्ञानिकों का दावा है कि हिमालय के आसपास घनी आबादी वाले देशों में इससे भारी तबाही मच सकती है. राजधानी दिल्ली भी इसकी जद में होगी. हालांकि ये भूकंप कब आएंगे इसका अनुमान फिलहाल नहीं लगाया गया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, पूर्वी भारत के अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में पाकिस्तान तक फैली हिमालय पर्वत माला सिलसिलेवार भूकंपों का गढ़ बन सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ नेवादा का शोध सीसमोलॉजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल के अगस्त के अंक में प्रकाशित हुआ था.