भारत को 18 से 22 जून तक न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) का खिताबी मुकाबला खेलना है.
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले टीम इंडिया की नजर अब इस ऐतिहासिक खिताबी मुकाबले पर है, जो 18 से 22 जून तक न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला जाएगा. भारत को यहां तक पहुंचाने में उन खिलाड़ियों का बड़ा हाथ रहा, जिनके बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वो हीरो बनकर सामने आएंगे. मगर भारत के इन 6 स्टार खिलाड़ियों को शायद ही ऐतिहासिक मुकाबला खेलने का मौका मिल पाए.
मोहम्मद सिराज:इशांत शर्मा के चोटिल होने के बाद ऑट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया की टेस्ट टीम का हिस्सा बने मोहम्मद सिराज को मोहम्मद शमी के चोटिल होने पर मेलबर्न टेस्ट में मौका मिला और फिर उन्होंने कमाल कर दिया. सिराज ने अपने शुरुआती पांच मैचों में कुल 16 विकेट लिए. इंग्लैंड के खिलाफ भी उन्होंने चौथे टेस्ट की पहली पारी में जो रूट और जॉनी बेयरस्टो को आउट किया. टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में उन्हें इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी में से किसी एक के चोटिल होने पर ही मौका मिल सकता है.
अक्षर पटेल: रवींद्र जडेजा के चोटिल होने से इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अक्षर पटेल को मौका मिला. उन्हें चेन्नई में दूसरे टेस्ट में मौका मिला और फिर उन्होंने तीन टेस्ट में कुल 27 विकेट अपने नाम किए. उनका पहला टेस्ट शिकार जो रूट बने. यहीं नहीं चौथे टेस्ट में उन्होंने 43 रन की अहम पारी भी खेली. टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में उन्हें तब मौका मिल सकता है, जब जडेजा फिट न हो और हार्दिक पंड्या गेंदबाजी न कर सके और भारत पांच गेंदबाजों के साथ खेलना चाहता हो.
वाशिंगटन सुंदर: कोरोना के कारण एक अतिरिक्त गेंदबाज के रूप में टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले वाशिंगटन सुंदर को तीसरे टेस्ट के बाद अश्विन के चोटिल होने से मौका मिला. उन्होंने ब्रिस्बेन में डेब्यू किया. उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से कमाल किया. 6 पारियों में सुंदर ने तीन अर्धशतक जड़े. जिसमें से दो पारी ब्रिस्बेन में 62 रन और अहमदाबाद में नाबाद 96 रन की पारी विजयी पारी साबित हुई. स्टीव स्मिथ उनके पहले टेस्ट शिकार बने थे. चैंपियनशिप में उन्हें मौका अश्विन, जडेजा और पटेल के चोटिल होने पर ही मिल सकता है.
टी नटराजन: नेट गेंदबाज के रूप में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए टी नटराजन को वरुण चक्रवर्ती और नवदीप सैनी के चोटिल होने के बाद वनडे और टी20 में डेब्यू का मौका मिला. टेस्ट में उन्हें डेब्यू करने का मौका इशांत, बुमराह, शमी और उमेश यादव में से किसी के उपलब्ध न होने पर मिला. एक टेस्ट में ही उनमें लोग जहीर खान की झलक देखने लगे. नटराजन ने मैच के पहले दिन मार्नस लाबुशेन और मैथ्यू वेड को आउट किया था. चैंपियनशिप में उन्हें मौका मिला लगभग असंभव है, क्योंकि उनसे पहले भारत के पास काफी तेज गेंदबाज हैं.
शार्दुल ठाकुर: सुंदर और नटराजन की ही तरह शार्दुल ठाकुर भी नेट गेंदबाज के रूप में ऑस्ट्रेलिया में रुके. मगर कई खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद ब्रिस्बेन टेस्ट में उन्हें मौका दिया गया. जहां उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से कमाल किया. उन्होंने 7 विकेट लिए और पहली पारी में 67 रन बनाकर टीम की मुकाबले में वापसी करवाई. नटराजन की तरह चैंपियनशिप का फाइनल खेलना इनके लिए भी एक सपना ही बना रह सकता है.
हनुमा विहारी: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हनुमा शुरुआती तीन मैच ही खेल पाए. चोट के कारण वो चौथे टेस्ट से बाहर हो गए थे. विहारी ने आर अश्विन के साथ मिलकर सिडनी टेस्ट ड्रॉ करवा दिया था और यह ड्रॉ चैंपियनशिप के फाइनल के हिसाब से भारत के लिए काफी अहम रहा. ऐतिहासिक मुकाबला खेलने की संभावना काफी कम है. यदि भारत पांच गेंदबाजों के साथ उतरता है और वह अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ खेलने का फैसला लेता है तो शायद उन्हें नंबर 6 या 7 पर मौका मिल सकता है.