निर्वाचन आयोग की बैठक में राजनीतिक दलों ने पंचायत के बाद निकाय चुनाव कराने का दिया प्रस्ताव. एमपी बोर्ड और सीबीएसई की परीक्षाओं के अलावा बरसात में पंचायत चुनाव कराने में होने वाली मुश्किलों की दी दलील.
मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव टलने की संभावना है. मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग में नगरीय निकायों और त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन के संबंध में हुई राजनैतिक दलों के साथ बैठक में इस बात के संकेत मिले हैं. बैठक में राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने निर्वाचन प्रक्रियाओं की जानकारी देते हुए कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार आयोग मार्च में एक निर्वाचन की घोषणा अनिवार्यत: करेगा. बैठक में राजनैतिक दल के प्रतिनिधियों ने कहा कि पहले त्रि-स्तरीय पंचायतों के निर्वाचन करवाए जाएं.
निर्वाचन आयोग की बैठक में राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों का कहना था कि पंचायत निर्वाचन अभी नहीं करवाए गए, तो
वर्षा ऋतु में पंचायत निर्वाचन संभव नहीं होंगे. क्योंकि एमपी बोर्ड की परीक्षाएं 30 अप्रैल से 18 मई तक और सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं 4 मई से 12 जून तक होनी हैं. नगरीय निकाय निर्वाचन बरसात के दिनों में भी हो सकते हैं.
आयोग ने क्या कहा?
राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के पक्ष पर राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि पंचायत निर्वाचन के संबंध में बहुत सी कार्रवाई शासन स्तर पर लंबित है. यह कार्रवाई अगले 15 से 20 दिन में पूरी होने की स्थिति में ही पंचायत निर्वाचन करवाने पर विचार किया जा सकता है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो पहले नगरीय निकायों के निर्वाचन करवाए जाएंगे.
EVM से ही होंगे चुनाव
बैठक में कांग्रेस ने मतपत्र से निर्वाचन कराने की बात कही. इस पर राज्य निर्वाचन आयुक्त ने स्पष्ट किया कि निर्वाचन EVM से ही करवाए जाएंगे. राजनैतिक दलों के सदस्यों द्वारा मतदाता सूची में हुई त्रुटियों की जानकारी देने पर राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि सभी शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है. इस दौरान सचिव राज्य निर्वाचन आयोग दुर्ग विजय सिंह समेत कई और अधिकारी भी मौजूद रहे.