प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दावा किया कि देश व राज्यों के विभिन्न हिस्सों में लगातार सिमट रही कांग्रेस का ‘‘खजाना’’ अब खाली हो गया है लिहाजा उसे भरने के लिए वह किसी भी कीमत पर सत्ता में लौटना चाहती है और इसके लिए वह किसी से भी समझौता कर सकती है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब केंद्र व राज्य दोनों जगहों पर कांग्रेस की सरकारें थी तब असम को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया और उस दौर में राज्य के लोगों की ना यहां सुनवाई होती थी और ना ही केंद्र में सुनवाई थी.
उन्होंने दावा किया कि आज केंद्र व राज्य में डबल इंजन की रकार होने की वजह से असम विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘अब हाईवे बनाने पर दोगुनी क्षमता से काम हो रहा है क्योंकि राज्य सरकार भी असम को देश से जोड़ रही है और केंद्र सरकार भी. अब अवसंरचना की गति भी दोगुनी है, क्योंकि राज्य सरकार भी विकास में जुटी है और केंद्र सरकार भी. अब ’हर सिर को छत’ और ’हर घर जल’ जैसे काम भी दोगुनी क्षमता से हो रहे हैं.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में राजग सरकार ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास ’’के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है, लेकिन आज के कांग्रेस नेताओं को सिर्फ सत्ता से मतलब है, वह जैसे भी मिले. उन्होंने कहा, ‘‘असल में कांग्रेस का खजाना अब खाली हो गया है, उसे भरने के लिए इन्हें किसी भी कीमत पर सत्ता चाहिए. कांग्रेस की दोस्ती सिर्फ कुर्सी से है. यही उसका कारोबार है. उसके पास ना तो कोई नेतृत्व है ना ही कोई दृष्टि है.’’
कांग्रेस घोषणापत्र में किए गए पांच गारंटी के वादे का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 50 साल से ज्यादा असम पर राज करने वाले लोग आजकल राज्य की जनता को 5 गारंटी दे रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि असम के लोग इनकी रग-रग से वाकिफ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इन लोगों को झूठे वायदे करने की, झूठे घोषणापत्र बनाने की आदत पड़ गई है. कांग्रेस मतलब झूठे घोषणापत्र की गारंटी. कांग्रेस मतलब भ्रम की गारंट. कांग्रेस मतलब अस्थिरता की गारंटी. कांग्रेस मतलब, बम, बंदूक और नाकेबंदी की गारंटी. कांग्रेस मतलब हिंसा और अलगाववाद की गारंटी. कांग्रेस मतलब भ्रष्टाचार और घोटालों की गारंटी.’’
प्रधानमंत्री ने राज्य की जनता से कांग्रेस को दूर रखने की अपील की और कहा कि खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वाली यह पार्टी असम, पश्चिम बंगाल और केरल में संप्रदाय के आधार पर बने दलों के साथ दोस्ती करती है. उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता के सामने इनको कुछ नहीं दिखता। झारखंड में, बिहार में, महाराष्ट्र में, जिनके साथ इनका गठबंधन है, वो पश्चिम बंगाल में इनके खिलाफ प्रचार कर रहे हैं. केरल में ये वामपंथी दलों के विरोधी हैं और पश्चिम बंगाल में कुर्सी की आस में उन्हें गले लगाते हैं. इसी कारण अब कांग्रेस पर देश में कोई भरोसा नहीं कर रहा.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते पांच साल में राजग ने असम के विकास को नई रफ्तार दी है और इस बार राजग के उम्मीदवारों को पड़ा हर वोट असम के तेज विकास के लिए वोट होगा. उन्होंने कहा, ‘‘राजग को मिलने वाली ताकत असम की आत्मनिर्भरता को ऊर्जा देगी. यहां उद्योग रोजगार के अवसरों को और बढ़ाएगा.’’ ज्ञात हो असम में भाजपा असम गण परिषद और युनाईटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी असम में कांग्रेस राज में यहां के लोगों के सामने राज्य को लूट से बचाने और दशकों से अशांत चल रहे इस राज्य में स्थायी शांति बहाल करने का सवाल था. उन्होंने कहा, ‘‘आज राजग के शासनकाल असम पूरे सामर्थ्य के साथ नई बुलंदियां छूने के लिए आगे बढ़ रहा है. आज असम में शांति स्थापित हुई है, स्थिरता आई है.” गौरतलब है कि असम में तीन चरणों में–27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल–को मतदान होना है, जबकि वोटों की गिनती दो मई को होगी. पहले चरण में 47, दूसरे चरण में 39 और तीसरे चरण में 40 सीटों पर वोट डाले जाएंगे.