प्रयागराज
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ चर्चा का विषय बना हुआ है। सरकार द्वारा यहां आने वाले लोगों के लिए खास प्रबंध किए हैं। लेकिन पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा समय पर नहीं हो सकी। इस पर अब सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है और एविएशन कंपनी के सीईओ, पायलट समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
आरोप है कि हेलिकॉप्टर कंपनी ने बिना जानकारी दिए हेलिकॉप्टर को अयोध्या भेज दिया, जिससे महाकुंभ में श्रद्धालुओं पर समय से पुष्प वर्षा नहीं हो पाई। इस मामले में FIR यूपी के सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के अधिकारी केपी रमेश ने महाकुंभ नगर की कोतवाली में दर्ज कराई है। FIR हेलिकॉप्टर कंपनी के सीईओ रोहित माथुर, पायलट कैप्टन पुनीत खन्ना और परिचालक प्रबंधन के खिलाफ गंभीर आरोपों के तहत दर्ज की गई है।
योगी सरकार ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करने का फैसला लिया था, और इसके लिए एम.ए हेरीटेज एविएशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को जिम्मेदारी दी गई थी। कंपनी को पौष पूर्णिमा के दिन सुबह से फूलों की बारिश करनी थी, लेकिन बिना किसी जानकारी के हेलिकॉप्टर को अयोध्या भेज दिया गया। इसके कारण श्रद्धालुओं पर समय पर फूलों की वर्षा नहीं हो सकी। बाद में दूसरा हेलिकॉप्टर बुलाया गया और शाम 4:00 बजे के आसपास फूलों की वर्षा की गई। अब इस मामले में FIR दर्ज होने के बाद महाकुंभ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा के लिए लखनऊ सिविल एविएशन डिपार्टमेंट ने हेलिकॉप्टर का कॉन्ट्रैक्ट किया था। यह कॉन्ट्रैक्ट MA हेरिटेज एविएशन प्राइवेट लिमिटेड से किया गया था। कंपनी को पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति स्नान पर श्रद्धालुओं और संतों पर फूल बरसाने थे। लेकिन, कंपनी ने बिना पहले से बताए हेलिकॉप्टर को अयोध्या भेज दिया। इससे सुबह पुष्पवर्षा नहीं हो सकी।
जब सुबह फूलों की बारिश नहीं हुई, महाकुंभ प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में दूसरी कंपनी को कॉल किया गया और फूलों की बारिश कराई गई। मामला बढ़ने पर इस मामले को शासन ने बेहद गंभीरता से लिया और कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन किया गया इस घटना पर सख्त नाराजगी जताते हुए सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के मैनेजर परिचालक केपी रमेश ने महाकुंभ नगर कोतवाली में FIR दर्ज कराई। उन्होंने कहा- हेलिकॉप्टर को दूसरी जगह भेजना अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन और सरकारी काम में बाधा है।
पुलिस ने MA हेरिटेज एविएशन के CEO रोहित माथुर, प्रबंधक परिचालन और पायलट कैप्टन पुनीत खन्ना के खिलाफ केस दर्ज किया है। प्रशासन ने कहा कि अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने वाले संगठनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुष्प वर्षा में देरी, श्रद्धालुओं की नाराजगी पौष पूर्णिमा स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं और संतों ने संगम में डुबकी लगाई। पुष्प वर्षा का इंतजार करने वाले श्रद्धालु तब निराश हो गए, जब यह समय पर नहीं हुई। प्रशासन ने बाद में वैकल्पिक व्यवस्था की, लेकिन तब तक कई श्रद्धालु महाकुंभ से जा चुके थे।
महाकुंभ में व्यवस्था पर उठे सवाल महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन में हुई यह चूक सवाल खड़े कर रही है। क्या एग्रीमेंट के बाद ऐसी लापरवाही को नजरअंदाज किया जा सकता है? प्रशासन ने इस मामले में साफ कर दिया है कि आगे से इस तरह की चूक के लिए कोई जगह नहीं होगी।
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। संगम पर पुष्पवर्षा न होना आयोजन की गरिमा को ठेस पहुंचाता है। श्रद्धालुओं ने भी इस घटना पर गहरी असंतोष जाहिर किया है।
महाकुंभ प्रशासन ने अपनी सफाई में कहा- ऐसे आयोजनों में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एग्रीमेंट का उल्लंघन करने वाले संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। महाकुंभ के दौरान हर पल की व्यवस्था को सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
बता दें प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाला महाकुंभ 144 वर्ष बाद आया है. मकर संक्रांति के दिन महाकुंभ मेले का पहला शाही स्नान था और अब अगला शाही स्नान मौनी अमावस्या पर यानी 29 जनवरी को है.
प्रयागराज महाकुंभ में इस बार संगम में पवित्र स्नान के लिए 6 प्रमुख तिथियां निर्धारित हैं-
पौष पूर्णिमा: 13 जनवरी
मकर संक्रांति: 14 जनवरी
मौनी अमावस्या: 29 जनवरी
वसंत पंचमी: तीन फरवरी
माघी पूर्णिमा: 12 फरवरी
महाशिवरात्रि: 26 फरवरी
कुंभ के लिए प्रयागराज आएंगे 45 करोड़ लोग
दुनिया का सबसे बड़ा मेला सज चुका है. ये वो मेला है जिसमें 140 करोड़ भारतियों में से लगभग 45 करोड़ हिस्सा लेने जा रहे हैं. लगभग डेढ़ महीने के इस मेले का नाम है महाकुंभ. वो महाकुंभ जो 12 साल बाद आता है. अब जहां डेढ़ महीने में करीब एक तिहाई भारतीय यानि 45 करोड़ हिंदुस्तानी एक ही शहर की सरजमीन पर होंगे. तो सुरक्षा भी तो अभूतपूर्व ही होगी. जमीन से आसमान तक, संगम से तट तक, शहर से गलियों तक, नाव से गाड़ियों तक. पानी के ऊपर से पानी के नीचे तक. रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, गाड़ियां, रेलगाड़ियां शायद ही ऐसी कोई चीज हो जो सुरक्षा एजेंसियों की पैनी निगाहों से बच या छुप जाए.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
70 लाख की आबादी वाले प्रयागराज में अगले डेढ़ महीने में लगभग 45 करोड़ लोग आने वाले हैं, यानि औसतन एक दिन में एक करोड़ लोग संगम पहुंचेंगे. इन 45 करोड़ लोगों की सुरक्षा करीब 75 हजार सुरक्षाकर्मियों के हाथों में होगी. इनमें यूपी पुलिस के अलावा तमाम सेंट्रल एजेंसियां और पैरामिलिट्री फोर्सेज़ शामिल हैं.
ये हैं सुरक्षा इंतजाम
75,000 सुरक्षा कर्मी, 70 जिलों की 50 हजार पुलिस, यूपी होमगार्ड्स, पीएसी, एटीएस, 2700 सीसीटीवी कैमरे, NSG के 100 कमांडो, एंटी टेरर स्कॉड (ATS), स्पेशल टास्क फोर्स (STF), नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF), स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF), 4,300 फायर सेफ्टी यूनिट, 56 थाने, 155 चौकी, 10 पिंक बूथ, 3 एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, 400 महिला पुलिसकर्मी, 30 स्पाटर्स (गुप्तचर) की टीम, 123 वॉच टावर, फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर, आसमान और पानी वाले ड्रोन, डिजिटल वॉरियर्स. ब्लैक कैट कमांडो की भी तैनाती की गई है.