वॉशिंगटन
शपथ ग्रहण से पहले तक चीन पर टैक्स का चाबुक चलाने पर आमादा डोनाल्ड ट्रंप का मन अचानक बदल गया है। अब ट्रंप ने इस फैसले का फिलहाल टाल दिया है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कॉल है। वहीं, ट्रंप के रवैये में अचानक आए इस बदलाव को उनकी चाल के तौर पर भी देखा जा रहा है। बता दें कि चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने शपथ ग्रहण से पहले ट्रंप को फोन किया था, जिसमें उन्होंने अपने उपराष्ट्रपति को समारोह में भेजने की बात कही थी। बता दें कि सोमवार को शपथ ग्रहण करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कई अहम फैसले लिए। इसमें डब्लूएचओ से हटने पर भी उन्होंने चीन को सुना दिया।
बताया जाता है कि ट्रंप ने यह फैसला बहुत सोच-समझकर लिया है। ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया कि वह जिनपिंग से लड़कर नहीं, बल्कि निगोएिशन के जरिए जीतना चाहते हैं। वह बदले में चीन के साथ कुछ और डील करने के चक्कर में हैं। आने वाले कुछ हफ्तों में ट्रेड टैक्स तय हो सकते हैं, लेकिन ट्रंप प्रशासन के फैसले ने तात्कालिक तौर पर चीनी कंपनियों को राहत दी है। इन चीनी कंपनियों को डर सता रहा था राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप चीन के ऊपर टैक्स का बोझ लाद देंगे। फैसले की जानकारी रखने वालों के हवाले से ब्लूमबर्ग ने चेताया है कि कई बार ट्रंप अचानक से अपनी रणनीति बदल देते हैं। बाद में वह फिर से अपने ओरिजिनल प्लान के साथ आगे बढ़ते हैं।
तात्कालिक राहत
ट्रंप के फैसलों को देखते हुए माना जा रहा था कि वह चीन से आयात पर टैक्स लगा सकते हैं। हालांकि उनके एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स की लिस्ट से यह फैसला नदारद दिखा। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए कैंपेन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से कुल आयात पर 10 से 20 फीसदी टैक्स लगाने की बात कही थी। वहीं, चीनी प्रोडक्ट्स पर यह टैक्स 60 फीसदी तक लगाने की बात थी। वहीं, कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सामानों पर 25 फीसदी का टैक्स लगाने की बात ट्रंप ने कही थी।
ट्रंप ने इसके बजाय संघीय एजेंसियों को वैश्विक स्तर पर अनुचित व्यापार प्रथाओं की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अमेरिकी प्रशासन को एक खास निर्देश भी दिया है। इसमें कहा गया है कि व्हाइट हाउस में उनके पहले कार्यकाल के दौरान चीन से जो ट्रेड डील हुई थी, उसमें उसका प्रदर्शन कैसा है। 2017 से 2021 के बीच राष्ट्रपति रहने के दौरान ट्रंप ने चीन से फेज वन डील साइन की था।