मध्यप्रदेश

निष्पक्ष निर्वाचन और मतदाताओं की सहभागिता, लोकतंत्र का मूलाधार : राज्यपाल

भोपाल
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन प्रणाली और मतदाताओं की सहभागिता, लोकतंत्र का मूल आधार है। निर्वाचन आयोग द्वारा इस दिशा में किए जा रहे कार्य सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आयोग, कम मतदान वाले केन्द्रों को चिन्हित कर मतदान प्रतिशत बढ़ाने जनजागृति के विशेष प्रयास करें। राज्यपाल श्री पटेल शनिवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित नागरिकों को मतदाता दिवस की शपथ दिलाई।

राज्यपाल श्री पटेल ने निर्वाचन प्रक्रिया में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सभी स्तर के अधिकारी-कर्मचारी और आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। नवीन मतदाताओं को ईपिक कार्ड का वितरण भी किया गया। राज्यपाल ने आयोग द्वारा लगाई गई चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार के वीडियों संदेश का प्रसारण भी किया गया।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश के 52 जिलों में महिलाओं का पंजीकरण पुरूषों की तुलना में अधिक हुआ है। यह लोकतंत्र के समावेशी स्वरूप की बढ़ती ताकत का प्रतीक है। आयोग को ऐसे मतदान केन्द्रों को चिन्हित करना चाहिए जहां विगत कई चुनाव से कम मतदान हो रहा है। ऐसे मतदान केन्द्रों में जाकर कारणों को समझें। वहां की जनता से बात करें। उन्हें लोकतंत्र में मताधिकार के महत्व की जानकारी दे और मतदान प्रतिशत बढ़ाने विशेष नवाचार करें।

राज्यपाल श्री पटेल ने आयोग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग से संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम-2025 में प्राप्त आवेदनों के 99.9 प्रतिशत ऑनलाइन निराकरण की सराहना की। राज्यपाल श्री पटेल ने इसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के प्रयासों और दूरदशिता का प्रमाण बताया और उनके प्रति आभार ज्ञापित किया। उन्होंने लोकसभा चुनाव वर्ष 2024 में प्रदेश के मतदाताओं विशेषकर महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं की उत्साहपूर्वक सहभागिता को अभूतपूर्व बताया। लोकतंत्र की मजबूती के योगदान प्रयासों के लिए सभी प्रदेशवासियों, मतदाताओं और निर्वाचन आयोग की पूरी टीम को बधाई भी दी।

हर पात्र मतदाता निर्वाचन प्रक्रिया में भाग ले
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन प्रक्रिया के लिए शुद्ध एवं पूर्ण मतदाता सूची होना आवश्यक है। तभी मतदाता निर्वाचन प्रक्रिया में योगदान दे सकेंगे। इसलिए हर पात्र मतदाता निर्वाचन प्रक्रिया में भाग ले। निष्पक्षता और निर्भीकता के साथ मताधिकार का उपयोग करे। उन्होंने कहा कि यह केवल आयोग का नहीं, देश के नागरिक के रूप में हम सबका परम कर्तव्य और जवाबदारी भी है।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आयोग मतदाताओं को उम्मीदवारों की जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र संबंधी भ्रांतियों और भेदभाव से ऊपर उठ कर मताधिकार के उपयोग के लिए सजग करें। मतदाताओं को बताए कि हमारे संविधान ने जो अधिकार दिए है, ये तभी सार्थक होंगे, जब हम अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे और योग्य और नीति परक उम्मीदवारों का निर्वाचन करेंगे। तभी हमारा देश विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ेगा। मतदाता भी अपनी प्रगति से गौरवान्वित होंगे।

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