कुछ दिनों पहले मिस्र की स्वेज नहर (Suez Canal) में अटके विशालकाय जहाज एवर गिवेन (Ever Given) पर अथॉरिटीज ने बड़ी कार्रवाई की है. यहां नहर के अधिकारियों ने जहाज को जब्त कर लिया है. साथ ही 90 करोड़ डॉलर का मुआवजा भी मांगा गया है. कहा गया है कि अदालत के आदेश पर इस जहाज को जब्त किया गया है. राशी चुकाने के बाद ही जहाज को छोड़ा जाएगा. खास बात है कि करीब 1 हफ्ते तक नहर में फंसे रहने के कारण कारोबार को वैश्विक स्तर पर काफी नुकसान उठाना पड़ा था.
बीती मार्च को MV एवर गिवेन जहाज नहर के संकरे रास्ते में अटक गया था. करीब 6 दिनों तक चले प्रयास के बाद इसे हटाकर रास्ता फिर से शुरू किया गया था. अकेले एवर गिवेन के अटकने के कारण ही नहर में दूसरे जहाजों का जाम लग गया था. अटके जहाज को निकालने के लिए मिस्र के जवानों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के जानकारों की भी सहायता ली गई थी.
खास बात है कि इस दौरान मिस्र को भी हर दिन करीब 12 से 15 मिलियन डॉलर के राजस्व का रोज नुकसान हो रहा था. अल एहराम अखबार को स्वेज नहर अथॉरिटी के प्रमुख ओसामा राबी ने बताया ’90 करोड़ डॉलर का मुआवजा नहीं चुकाने के कारण एवर गिवेन को जब्त किया गया है.’ हालांकि, इस दौरान राबी ने जापानी मालिकों सुई किशेन काइशा का नाम नहीं लिया, लेकिन अथॉरिटी के अन्य सूत्रों ने मंगलवार को एएफपी को बताया कि कंपनी, इंश्योरेंस कंपनी और नहर अथॉरिटी के बीच चर्चाएं जारी हैं.
मिस्र के इस्माइलिया इकोनॉमिक कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए राबी ने कहा कि मुआवजे की राशी की गणना ‘रुके हुए जहाज के कारण हुए नुकसान के साथ-साथ फ्लोटेशन और मेन्टेनेंस खर्चों’ के आधार पर की गई है. वहीं, कहा जा रहा है कि जहाज का रुकना और इसे निकालने की कोशिश के दौरान नहर को भी काफी नुकसान हुआ है.