अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने कहा है कि भारत, पाकिस्तान, रूस, चीन और तुर्की की अफगानिस्तान (Afghanistan) के स्थिर भविष्य में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है और इन क्षेत्रीय हितधारकों को इस युद्धग्रस्त देश में शांति लाने के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए. बता दें कि अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को 11 सितंबर तक वापस बुला लेगा.
जो बाइडन ने अपने राष्ट्रीय संबोधन में कहा, ‘हम इस क्षेत्र के अन्य देशों को अफगानिस्तान का समर्थन करने के लिए कहेंगे. खासकर पाकिस्तान से और साथ ही रूस, चीन, भारत और तुर्की से भी. इन सबकी अफगानिस्तान के स्थिर भविष्य में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है.’
अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के 100 दिनों के भीतर ही जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अपने सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी 11 सितंबर तक करने का ऐलान कर दिया है. इस समय वहां अमेरिका के करीब 2500 सैनिक हैं. जबकि बराक ओबामा के समय में हां 1 लाख से अधिक सैनिक तैनात थे.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को कहा कि यह अफगानिस्तान में अमेरिका की सबसे लंबी लड़ाई के समापन का वक्त है और यह एक ऐसी जिम्मेदारी है जिसे वह अपने उत्तराधिकारी पर नहीं छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘अपने सहयोगियों और साझेदारों, अपने सैन्य नेताओं एवं खुफिया पेशेवरों, अपने राजनयिकों, विकास विशेषज्ञों एवं कांग्रेस और उपराष्ट्रपति के साथ परामर्श करने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि यह अफगानिस्तान में अमेरिका की सबसे लंबी लड़ाई के समापन का वक्त है , यह अमेरिकी सैनिकों के घर लौटने का समय है.’
उन्होंने कहा कि अमेरिका वहां से निकलने में कोई जल्दबाजी नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में सैन्य तरीके से शामिल नहीं होगा, लेकिन उसका राजनयिक एवं मानवीयता का कार्य जारी रहेगा. अमेरिका, अफगानिस्तान सरकार को सहयोग देता रहेगा.’