समर्थन मूल्य पर फसल (MSP) खरीद के लिए बनाए गए दीगोद केन्द्र पर 2 किसानों (Farmers) की कारस्तानी सामने आई है. इन किसानों ने राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर सरकारी दर पर ज्यादा गेहूं बेचने का प्रयास किया. मामले की पड़ताल में किसानों की कारस्तानी सामने आने पर उपखण्ड अधिकारी ने कूटरचित दस्तावेज (Malicious documents) तैयार करने और फसल की ज्यादा तुलाई कराने के इस मामले को गंभीरता से लिया है. उपखंड अधिकारी ने संबंधित कृषकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और जांच के आदेश दिये हैं.
उपखण्ड अधिकारी दीगोद राजेश डागा ने बताया कि तुलाई केन्द्र प्रभारी और किस्म निरीक्षक को दो किसानों की ओर से पेश किये गये राजस्व अभिलेख/गिरदावरी के दस्तावेज संदिग्ध लगे. इस पर उनके दस्तावेजों की जांच कराई गई. उसमें सामने आया कि पटवारी की ओर से जारी राजस्व नकल गिरदावरी में दर्ज रकबे में स्वयं किसानों ने स्वयं कांट-छांट करके रकबे को बढ़ा दिया. बाद में वे निर्धारित मात्रा से ज्यादा गेहूं की तुलाई करवाने का प्रयास करते हुए पकड़े गये.
किसानों ने ये दिखाई कारस्तानी
अपने साथी किसानों के हक पर डाका डालने वाले किसान श्रवण सिंह जट सिक्ख और रामचन्द्र धाकड़ ने एफसीआई के तोल केन्द्र दीगोद पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था. इसमें श्रवणसिंह के खाते में वास्तविक रूप से 1.85 हैक्टयेर भूमि दर्ज थी. श्रवण सिंह ने गिरदावरी में हेरफेर करते हुए उसे 7.85 हैक्टेयर कर दिया. जबकि रामचन्द्र धाकड़ ने अपनी 1.06 हैक्टेयर भूमि के स्थान पर उसे 4.06 हैक्टेयर बताकर गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन टोकन प्राप्त कर खरीद केन्द्र पर दस्तावेज प्रस्तुत कर दिये. इनमें रामचन्द्र ने गेहूं की तुलाई भी करवा दी. तुलाई के बाद रामचन्द्र धाकड़ खरीद केन्द्र पर तुलाए गए गेहूं की रसीद लेने आया. वहां उससे पूछताछ की तो उसने गिरदावरी में हेराफेरी करने की बात स्वीकार कर ली. श्रवण सिंह से टोकन के बारे में गहन पूछताछ करने पर वह मौके से फरार हो गया.
दस्तावेजों का ऑनलाइन रिकॉर्ड से मिलान करने के निर्देश
उपखंड अधिकारी ने तहसीलदार को इस तथ्य की जांच करने के निर्देश भी दिए गए कि जब खातेदार के पास उतनी भूमि है ही नहीं तब वो चार से पांच गुणा गेहूं कहां से लाया ? इसमें बाहर से सस्ता गेहूं खरीद कर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने का प्रयास भी हो सकता है. सभी खरीद केन्द्र प्रभारियों से अब तक तौले गए गेहूं के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों का सत्यापन ऑनलाइन जमाबंदी दस्तावेज से करने के निर्देश भी दिए गए हैं.