देश में लगातार कोरोना (Covid-19) के बढ़ते मामलों ने एक फिर से लॉकडाउन (Lockdown) जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. ज्यादातर राज्य कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण नाइट कर्फ्यू और प्रतिबंध लगा रहे हैं और इससे अर्थव्यवस्था के सुधार पर असर पड़ सकता है. ऐसे में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के महत्वपूर्ण केंद्रों में स्थानीय लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को हर सप्ताह औसतन 1.25 अरब डॉलर का नुकसान होगा. साथ ही इससे चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 1.40 प्रतिशत प्रभावित हो सकती है. कोरोना के बढ़ते मामले के बीच अर्थव्यवस्था की रिकवरी पटरी से न उतरे इसके लिए केंद्र सरकार एक और राहत पैकेज ला सकती है.
नए पैकेज से मिलेगी गरीबों को राहत
अगर महामारी की दूसरी लहर गरीबों की आजीविका को बाधित करती है, तो यह पैकेज गरीबों को राहत दे सकता है. इस मामले की जानकारी रखने वाले तीन लोगों ने इस बात की जानकारी दी.
सरकार ने पिछले साल 26 मार्च से 17 मई के बीच आर्थिक प्रोत्साहन-सह-राहत पैकेज की घोषणा की थी. ताकि, कोविड-19 से प्रभावित कारोबारी गतिविधियों को सुधारा जा सके. केंद्र सरकार का ये आर्थिक पैकेज 20.97 लाख करोड़ रुपए का था. जिसमें सरकार ने दावा किया था कि यह पैकेज भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद, यानी जीडीपी का तकरीबन 10% है
लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को होगा नुकसान
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को साफ किया कि सरकार व्यापक स्तर पर ‘लॉकडाउन’ नहीं लगाएगी और महामारी की रोकथाम के लिए केवल स्थानीय स्तर पर नियंत्रण के कदम उठाए जाएंगे. सरकार उद्योग की किसी भी आवश्यकता, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) का जवाब देगी. ताकि, आर्थिक गतिविधियों और आजीविका बाधित न हो. वित्तमंत्री ने कहा कि केंद्र अपने टीकाकरण अभियान का विस्तार भी कर सकता है ताकि कोविड-19 की गंभीरता और उसके प्रसार को रोका जा सके.
स्पुतनिक V को मिली मंजूरी
इधर भारत में वैक्सीन की कम पड़ने की समस्या भी सुनने में आ रही है. इस बीच वैक्सीन मामले की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी को मंजूरी दे दी है. अब केवल अंतिम निर्णय का इंतजार है, जिसके बाद इसका इमरजेंसी इस्तेमाल हो सकेगा. ये पहली वैक्सीन होगी, जो विदेशी रहेगी.
देश की ड्रग नियामक संस्था ने माना है कि रूस में विकसित कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक V सुरक्षित है. यह वैक्सीन ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की तरह ही काम करता है. साइंस जर्नल ‘द लैंसेंट’ में प्रकाशित आख़िरी चरण के ट्रायल के नतीजों के अनुसार स्पुतनिक V कोविड-19 के ख़िलाफ़ क़रीब 92 फ़ीसद मामलों में सुरक्षा देता है.
कोविड-19 से बचने की तीन वैक्सीन
इस वैक्सीन की मंज़ूरी के साथ अब कोविड-19 से बचने की तीन वैक्सीन हो गई हैं. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया और ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका के सहयोग से बनी कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पुतनिक V. देश में अब तक पहले से स्वीकृत दोनों टीकों की 10 करोड़ ख़ुराकें लोगों को दी जा चुकी हैं.