पिछले साल कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान कई कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) कर दिया था. अब कोरोना की दूसरी लहर के चलते सरकार वर्क फ्रॉम होम को औपचारिक रूप देने की तैयारी कर रही है. इसके तहत स्पेशल इकनॉमिक जोन (SEZ) में काम कर रहे आईटी कंपनियों के एंप्लाई के लिए जल्द ही परमानेंट वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था की जा सकती है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इस तरह के एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है और इस बारे में आखिरी फैसला इस महीने के अंत तक लिया जा सकता है.
भारत में आईटी उद्योग का कारोबार 191 अरब डॉलर का है. आईटी उद्योग की शीर्ष संस्था नैसकॉम ने सरकार से अनुमति मांगी है कि सेज में काम कर रहे आईटी कंपनियों में परमानेंट वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था की जाए.
इस महीने के आखिरी तक आएगा फैसला
देश में कोरोना की सेकेंड वेव की वजह से आईटी कंपनियां कई चुनौतियों का सामना कर रही हैं. एक अधिकारी ने इस बारे में कहा कि स्थाई रूप से घर से काम करने की इजाजत देने के बारे में बातचीत एडवांस स्टेज में है और इस बारे में इस महीने के आखिर तक कोई ठोस फैसला लिया जा सकता है.
भारत से आईटी सर्विस एक्सपोर्ट में सेज की हिस्सेदारी करीब 60 फीसदी है. इससे पहले सरकार ने अदर सर्विस प्रोवाइडर (ओएसपी) के लिए बनाए गए नियमों के हिसाब से इसमें छूट देने की घोषणा की थी. डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम की गाइडलाइंस के तहत अन्य सेवा देने वाली कंपनियों के लिए नियम आसान किए गए थे. सेज में कामकाज कर रही इकाइयां अब भी इस मसले पर अनिश्चितता का सामना कर रही हैं.
गृह मंत्रालय में 50 फीसदी कर्मचारी के साथ होगा काम
दिल्ली में कोरोना वायरस का संकट को देखते हुए गृह मंत्रालय ने अपने ताजा आदेश में अधिक से अधिक कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम ही करने को कहा है. कोरोना के बढ़ते संकट के बीच गृह मंत्रालय ने नए आदेश जारी किए हैं. अब अंडर सेक्रेटरी और उससे नीचे स्तर के अधिकारियों को घर से काम करने की अनुमति दी गई है. जबकि दफ्तर में 50 फीसदी कर्मचारी ही आ सकेंगे.
गृह मंत्रालय जाने वाले अधिकारियों को सुबह 9 और 10 के बीच अलग-अलग वक्त पर आना होगा, ये आदेश 30 अप्रैल तक जारी रहेगा. जो अधिकारी कंटेनमेंट जोन में हैं, उन्हें दफ्तर आने से छूट है.