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अप्रैल के पहले 15 दिनों में चेक बाउंस की घटनाएं बढ़ीं, मध्य प्रदेश-पंजाब टॉप राज्यों में शामिल

श में कोविड-19 की दूसरी लहर चल रही है। इसका असर बैंक ग्राहकों पर भी दिखने लगा है। अप्रैल के पहले 15 दिनों में चेक बाउंस की घटनाएं बढ़ गई हैं। वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी करते समय एनालिस्ट कॉल में HDFC बैंक के एक अधिकारी ने यह बात कही है। बैंक अधिकारी का कहना है कि अप्रैल 2021 में चेक वापस होने की घटनाओं में थोड़ी बढ़ गई हैं। मेडिकल कंडीशन खराब होने के कारण यह संभव है। लेकिन, जरूरी नहीं है कि यह एक ट्रेंड की ओर इशारा करता हो।

इन राज्यों में बढ़ीं चेक बाउंस की घटनाएं

मार्च के मुकाबले अप्रैल में चेक लौटने की घटनाएं बढ़ी हैं। अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 के दौरान चेक बाउंस और डिमांड रेजोल्यूशन की घटनाओं में स्पष्ट तौर पर कमी आ गई थी। लेकिन चेक लौटने की दर फिर से जनवरी 2021 के स्तर पर आ गई है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना में चेक बाउंस की दर में बढ़ोतरी हुई है।

मार्च में हड़ताल के कारण बढ़े चेक बाउंस के मामले

बैंक यूनियन के एक अधिकारी का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 13 और 14 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल रही थी। इस कारण चेक क्लीयर नहीं हो पाए थे। चूंकि इस समय चेक क्लीयरिंग की प्रक्रिया ऑटोमैटिक है। इस कारण क्लीयरिंग की प्रक्रिया शुरू ना होने के कारण चेक बाउंस हो गए। अधिकारी के मुताबिक, हड़ताल के दौरान करीब 20 हजार करोड़ रुपए के चेक बाउंस हुए थे। इस दौरान अधिकांश बैंकों में चेक बाउंस हुए थे।

चौथी तिमाही में NPA में कमी आई

एक अन्य ब्रोकरेज फर्म एमके ने वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में बैंकों के प्रदर्शन पर एक नोट जारी किया है। इस नोट में कहा गया है कि तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही के मुकाबले चौथी तिमाही में नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) में कमी आई है। लेकिन, चौथी तिमाही में बैंकों में EMI बाउंस की घटनाएं बढ़ी हैं। कोविड की दूसरी लहर के बाद लगाया जा रहा स्थानीय लॉकडाउन इसका प्रमुख कारण हो सकता है।

पहली लहर के मुकाबले काफी अंतर

बैंक अधिकारियों का कहना है कि मेडिकल हालातों के कारण बैंकिंग सिस्टम पर दूसरी लहर का असर पड़ रहा है। जब हम पहली लहर के मेडिकल और वित्तीय हालातों की दूसरी लहर से तुलना करते हैं तो दूसरी लहर में अंतर काफी बड़ा है। अभी वित्तीय हालात ज्यादा नहीं बिगड़े हैं। बैंक अधिकारियों का कहना है कि अभी लॉकडाउन स्थानीय स्तर पर और छिटपुट है। अधिकांश प्रतिबंध साप्ताहिक और रात्रि में लगाए गए हैं जिनका आर्थिक गतिविधियों पर असर नहीं है। मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन लगातार जारी है। हालांकि, इसमें बदलाव हो सकता है।

24 घंटे में 2 लाख 74 हजार 944 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए

भारत में कोरोना की चपेट में आने वालों का आंकड़ा रविवार को डेढ़ करोड़ के पार हो गया। अब तक 1 करोड़ 50 लाख 57 हजार 767 लोग संक्रमित हो चुके हैं। थोड़ी राहत की बात ये है कि इनमें 1 करोड़ 29 लाख 48 हजार 848 लोग ठीक भी हो चुके हैं। संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या अब 1 लाख 78 हजार 793 हो गई है। 19 लाख 23 हजार 877 मरीज ऐसे हैं जिनका अभी इलाज चल रहा है। एक्टिव केस का ये आंकड़ा अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा है। हालात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि हर दिन कोरोना के नए मरीजों का आंकड़ा नया रिकॉर्ड बना रहा है। पिछले 24 घंटे के अंदर देश में 2 लाख 74 हजार 944 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इस बीच, 1 लाख 43 हजार 701 लोग रिकवर हुए, जबकि 1620 मरीजों ने दम तोड़ दिया।

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