महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के रायगढ़ में 120 में से 90 लोगों को हुई सर्दी और बुखार की शिकायत, FDA के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने इसके इस्तेमाल पर लगाई रोक

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में 90 लोगों पर रेमडेसिविर के गंभीर साइड इफेक्ट्स नजर आने के बाद इसेक इस्तेमाल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। इंजेक्शन लगवाने वाले 120 में से 90 लोगों में सर्दी और बुखार के लक्षण देखने को मिले। जिसके बाद खाद्य एवं औषधि विभाग ने तुरंत रेमडेसिविर के इस्तेमाल पर रोक का आदेश जारी किया। रायगढ़ की जिलाधिकारी निधि चौधरी ने खबर की पुष्टि भी की है।

प्रारंभिक जानकारियों के मुताबिक, रायगढ़ जिले के लिए हेटेरो हेल्थ केयर कंपनी के कोविफोर इंजेक्शन के 500 डोज उपलब्ध करवाए गए थे। इसके बाद करीब 120 कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल किया गया था। इनमें से 90 मरीजों पर इंजेक्शन के साइड इफेक्ट्स दिखाई दिए हैं। इन सब पर इंजेक्शन दिए जाने के बाद ठंड लगने और बुखार आने के लक्षण दिखाई देने लगे।

इतनी बड़ी तादाद में मरीजों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन के साइड इफेक्ट्स दिखाई देने के बाद फूड एंड ड्रग्स ऐडमिनिस्ट्रेशन ने पूरे रायगढ़ जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश दे दिया। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रेमडेसिविर इंजेक्शन काफी प्रभावी साबित हो रहा था। इस घटना के बाद अब इसके इस्तेमाल पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।

रेमडेसिविर क्या है?

  • रेमडेसिविर एक एंटी-वायरल दवा है, जो कथित तौर पर वायरस के बढ़ने को रोकती है। 2009 में अमेरिका के गिलीड साइंसेस ने हेपेटाइटिस सी का इलाज करने के लिए इसे बनाया था। 2014 तक इस पर रिसर्च चला और तब इबोला के इलाज में इसका इस्तेमाल हुआ। रेमडेसिविर का इस्तेमाल उसके बाद कोरोना वायरस फैमिली के मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स या MERS) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स या SARS) के इलाज में किया गया।
  • यह फॉर्मूला शरीर में वायरस के फलने-फूलने के लिए जरूरी एंजाइम को काबू करता है। अमेरिकी रेगुलेटर US-FDA ने 28 अक्टूबर 2020 को रेमडेसिविर को कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूरी दी थी। उस समय डोनाल्ड ट्रम्प इन्फेक्ट हुए तो उन्हें भी रेमडेसिविर दी गई थी।

रेमडेसिविर क्या वाकई इफेक्टिव है?

  • गिलीड साइंसेस के डेटा के अनुसार रेमडेसिविर कोविड-19 रिकवरी टाइम को पांच दिन तक घटा देता है। अब तक 50 से अधिक देश कोविड-19 के इलाज में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, WHO ने ट्रायल्स में इस दावे की पुष्टि नहीं की है।
  • WHO ने कहा कि मरीज के गंभीर लक्षणों या जानलेवा परिस्थितियों पर रेमडेसिविर का कोई असर नहीं दिखा है। साइड इफेक्ट्स जरूर दिखे हैं। इनमें लीवर के एंजाइम्स का बढ़ा स्तर, एलर्जिक रिएक्शन, ब्लडप्रेशर और हार्ट रेट में बदलाव, ऑक्सीजन ब्लड का घटा हुआ स्तर, बुखार, सांस लेने में दिक्कत, होठों, आंखों के आसपास सूजन। ब्लडशुगर भी बढ़ा हुआ दिखा है।
  • भारत सरकार ने भी कहा है कि यह इंजेक्शन लाइफसेविंग दवा में शामिल नहीं है। इसे घर पर देना भी नहीं है। फिर भी पिछले हफ्ते केंद्र ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत 3500 रुपए तय की। यह भी कहा कि अप्रैल के आखिर तक उत्पादन दोगुना हो जाएगा। इसके लिए 6 और कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दे दी गई है।
  • फिलहाल, देश में हर महीने 38.80 लाख इंजेक्शन तैयार किए जा रहे हैं। इस महीने के आखिर तक करीब 80 लाख इंजेक्शन तैयार होंगे। मंत्रालय के मुताबिक, देश में इस वक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन के कुल 7 मैन्यूफेक्चरर्स हैं। अब 6 और कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दी गई है। इससे 10 लाख इंजेक्शन हर महीने और बनाए जा सकेंगे। इसके अलावा 30 लाख यूनिट और बनाए जाने की तैयारियां आखिरी दौर में हैं।

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