शिवगंज में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का खुलासा किया है। पुलिस ने दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों युवक 4800 रुपए की कीमत के रेमडेसिविर इंजेक्शन को 50 हजार रुपए में बेच रहे थे।
एसओजी जोधपुर यूनिट उप निरीक्षक जब्बरसिंह ने बताया कि शिवगंज के एक मेडिकल स्टोर संचालक की ओर से ब्लैक में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की शिकायत मिली थी। इसे पकड़ने के लिए पहले मामले की जांच की गई। पिछले दो दिन से लगातार टीम शिवगंज में इन रैकी करती रही। इसके बाद में कॉल कर बाजार में 4800 रुपए में मिलने वाले रेमडेसिविर खरीदने की बात कही। इस पर आरोपी ने 50 हजार रुपए के हिसाब में सौदा तय किया।
शिवगंज की कुटुंब कॉलोनी स्थित वीनस मेडिकल से रेमडेसिविर इंजेक्शन 50 से 70 हजार रुपए में बेचे जा रहे थे। एसओजी की टीम से सोशल मीडिया के जरिए सौदा तय किया। अंत में 50 हजार रुपए प्रति वायल की दर से 8 वायल का सौदा तय हुआ। इसके बाद भी ये लोग दो दिन तक टीम को चक्कर कटवाते रहे। शनिवार को इजेक्शन देना तय हुआ, इस पर बोगस ग्राहक भेजा गया। इन लोगों ने ग्राहक को चार लाख रुपए कीमत में 8 वायल जैसे ही सौंपे एसओजी टीम ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया।
ये हुए गिरफ्तार
जीवनरक्षक दवा को ब्लैक में बेचने के मामले में वगंज निवासी क्षीतिज मेवाड़ा और प्रवीण मीणा को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकरण में और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
सरकार के नियंत्रण में रेमडेसिविर
रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए जीवनरक्षक दवा है। ऐसे में राजस्थान सरकार ने इसके बाजार में बिक्री पर रोक लगा रखी है। संपूर्ण नियंत्रण राजस्थान सरकार के अधीन है। सरकारी और निजी अस्तपाल में जिस भी गंभीर मरीज को इसकी जरूरत होती है उसे राजस्थान सरकार के माध्यम से बनी कमेटी के माध्यम से ही दिया जाता है। क्षीतिज और प्रवीण इसे बाजार में ब्लैक में बेचते पाए गए।