कोविशील्ड (Covishield vaccine) के दो डोज़ के बीच अंतराल बढ़ाए जाने को, व्हाइट हाउस के प्रमुख चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथोनी फाउची (White House chief medical adviser Dr Anthony Fauci) ने एक ‘वाजिब कदम’ करार दिया है. एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में फाउची ने कहा, ‘जब आप ऐसे मुश्किल हालातों में हों जिनसे इन दिनों भारत जूझ रहा है, तो आपको ऐसा रास्ता निकालना होता है जिससे जल्दी से जल्दी, ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके, इस लिहाज से मुझे ये तरीका सही लगता है.’
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि आपको (भारत) अपनी वैक्सीन के मामले में दूसरे देशों और कंपनियों के साथ
बातचीत जारी रखने के साथ-साथ खुद भी वैक्सीन बनाने की क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर देना होगा. भारत दुनिया में एक बड़े वैक्सीन निर्माताओं में से एक है. आपको अपने लोगों के लिए अपना सारे संसाधनों को लगाना पड़ेगा.
डोज़ के अंतर
फाउची का ये बयान उस वक्त आया जब भारत ने कोविड-19 की वैक्सीन कोविशील्ड के पहले और दूसरे डोज़ के बीच अंतराल को 6-8 हफ्तों से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की घोषणा की. पिछले तीन महीनों में ये दूसरी बार है जब कोविशील्ड के दो डोज के बीच के अंतर का बढ़ाया गया है, हालांकि सरकार के इस फैसले को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है और इसे वैक्सीन की कमी होने से जोड़ा जा रहा है.
होगा फायदा
फाउची का कहना है, ‘जब आपके पास वैक्सीन की कमी हो ऐसे में पहले और दूसरे डोज़ के बीच अंतराल बढ़ाना इस लिहाज से भी ठीक है कि इससे कम से कम ज्यादा से ज्यादा लोगों को एक डोज तो लग ही जाएगा. इससे वैक्सीन लगने में होने वाली देरी से बचा जा सकता है.’ दरअसल अगर आप वैक्सीन के लगने में देर करते हैं तो इससे उसकी क्षमता पर असर पड़ सकता है. ऐसे में एक डोज लगना ही काफी हो सकता है. अपनी बात को बढ़ाते हुए डॉ. फाउची ने बताया .
टीकाकरण को गति मिलेगी
अपने टीकाकरण कार्यक्रम को गति देने के लिए भारत अगले हफ्ते से रशिया की वैक्सीन स्पूतनिक को भी भारत में लाने पर काम कर रहा है. ऐसा हुआ तो इससे भारत में होने वाले विशाल टीकाकरण कार्यक्रम को गति मिलेगी और भारत के पास 18 से ऊपर की उम्र के लोगों के लिए तीन वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी.
स्पूतनिक अच्छी वैक्सीन
स्पूतनिक के बारे में पूछने पर डॉ. फाउची ने बताया कि, जितना उन्हें जानकारी मिली है उसके हिसाब से स्पूतनिक एक अच्छी वैक्सीन है जिसके परिणाम 90 फीसद तक हैं. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए फाउची ने कहा कि पिछले साल जब भारत कोविड-19 की लहर से जूझ रहा था उस दौरान सुरक्षा विभाग ने दो नेवी के वॉरशिप-यूएसएनएस मर्सी और यूएसएनएस कंफर्ट को न्यूयॉर्क और लॉस एंजेल्स के तट पर खड़ा कर दिया था, जिससे वायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद उपलब्ध हो सके.
कोविड के मामले में सबसे भरोसेमंद नाम रहे डॉ. फाउची ने भारत को भी अचानक आई इस लहर से बचाव के लिए सेना का सहारा लेने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, ‘आप जब कोई काम जल्दी करना चाहते हैं तो ऐसे में आप सेना पर भरोसा कर सकते हैं, क्योंकि कई मामलों में प्राइवेट सेक्टर उतनी तेजी से काम नहीं कर पाता है, जैसे भारत में मरीजों के बढ़ने के साथ ही अस्पताल और बिस्तरों की लगातार कमी देखने को मिल रही है, ऐसे में फील्ड अस्पताल तैयार कर सकती है जैसे वो युद्ध के दौरान करती है.’