महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मिले हैं तब से ही अफवाहों का बाजार गरम है. इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (Ramdas Athawale) के एक बयान ने उन अफवाहों को और हवा दे दी, जिसमें कहा जा रहा था कि महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में बहुत जल्द बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है.
बता दें कि रामदास आठवले ने ये कहकर हर किसी को हैरान कर दिया था कि शिवसेना और भाजपा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद बांट सकते हैं और महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना का जल्द ही गठबंधन हो सकता है. रामदास आठवले के इस बयान के बाद अब संजय राउत (Sanjay Raut) ने बयान देते हुए कहा है कि शिवसेना को महाराष्ट्र में पांच साल के लिए सीएम पद दिया गया है. इसमें परिवर्तन की कोई उम्मीद नहीं है.
संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे अपने ‘रोखठोक’ स्तंभ में इस पूरे मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की है. सामना में छपे लेख के जरिए कहा गया है कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद का वचन पांच साल के लिए दिया गया है. अभी ऐसी कोई भी संभावना दिखाई नहीं दे रही है जिससे परिवर्तन की बात कही जाए. लेख में बताया गया है कि भाजपा ने चुनाव से पहले शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद देने का वचन दिया था लेकिन बाद में उसने पालन नहीं किया. इस पीड़ा के बाद शिवसेना ने नई सरकार का गठन किया.
संजय राउत ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद के लिए आश्वासन मिलने की संभावना ना के बराबर है. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि दोनों पार्टियों के बीच विवाद ही सीएम की कुर्सी को लेकर हुआ था. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद जिस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं वह पूरी तरह से गौण हैं. महाराष्ट्र में अभी की सरकार के बीच बेहतरीन तालमेल है. कांग्रेस-एनसीपी के नेता सीएम उद्धव ठाकरे के काम में दखल नहीं देते. मुख्यमंत्री अपने सभी निर्णय खुद लेते हैं. इस व्यवस्था को खरोंच भी आए, ऐसा कुछ नहीं होगा.