राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच बदली हुई परिस्थितियों (Political conditions changed) में अब शेष रहे 12 जिलों के जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव (Panchayati Raj elections) होना तय माना जा रहा है. संभवत: आयोग जुलाई या अगस्त महीने के प्रारंभ में चुनाव कार्यक्रम जारी कर सकता है. हालांकि, कोरोना के कारण राज्य सरकार अभी तक चुनाव का विरोध करती रही है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि बदलते सियासी समीकरणों के चलते अब राज्य सरकार चुनाव करवाने का विरोध नहीं करेगी.
राज्य के ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग की चिट्ठी के बाद प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को 25 जून तक पुनः आरक्षण की लॉटरी निकालने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार की इस कवायद को चुनाव कराने से जोड़कर देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा राज्य निर्वाचन आयोग से चुनाव न कराने का अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन अब प्रदेश में सियासी हालात बदल गए हैं.
आयोग ने राज्य सरकार को यह लिखा
राज्य निर्वाचन आयोग ने 2 जून को ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग से कहा है कि वह आरक्षण की लॉटरी पुनः कराए. राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि नगर पालिकाओं के गठन से प्रभावित ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन एवं प्रभावित जिला परिषद पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों/ वार्डों का पुनगर्ठन एवं आरक्षण के पुनः निर्धारण के कार्य के लिए नवीन कार्यक्रम शीघ्र जारी कर आयोग को अवगत कराएं, ताकि इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग प्रभावित पंचायती राज संस्थाओं के नवीन/ संशोधित परिसीमन के अनुसार इनकी मतदाता सूची तैयार करा कर इनके आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर सके.
इन 12 जिलों में होने हैं चुनाव
राज्य के अलवर, बारां, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, जोधपुर, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सिरोही और श्रीगंगानगर के जिला परिषद एवं पंचायती समिति सदस्यों के चुनाव होने हैं. जनवरी 2020 में होने वाले इन चुनावों के लिये राज्य सरकार की ओर से पंचायती राज संस्थाओं के परिसीमन बाबत जारी की गई अधिसूचनाओ को कोर्ट में चुनौती देने कारण चुनाव नहीं हो सके थे. इसके बाद कोविड- 19 के कारण चुनाव नहीं हो सके थे.