जयपुर में एक युवती द्वारा अपने पड़ोसी की करोड़ों की प्रोपर्टी हड़पने और डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर 50 लाख का इंश्योरेंस क्लेम करने का मामला सामने आया है। जब कंपनी द्वारा वेरिफिकेशन के लिए मृतक जगदीश प्रसाद के फोन पर कॉल किया गया तो मृतक की पत्नी को पूरे मामले की जानकारी मिली। इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।
पुलिस ने बताया कि राजस्थान विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर जगदीश प्रसाद मालवीय नगर में रहते थे। उन्होंने 2016 में अपने मकान का एक हिस्सा मानसरोवर निवासी सुशीला देवी को किराए पर दे दिया था। सुशीला करीब 1 साल से वहां रही। 7 मई को जगदीश प्रसाद की मौत हो गई। जगदीश प्रसाद की करोड़ों रुपए की संपत्ति को हड़पने के लिए सुशीला ने पत्नी बनकर महावीर अस्पताल जयपुर राजस्थान से फर्जी डेथ लेटर जारी करा लिया और फिर उसी लेटर पर ग्रेटर निगम से डेथ सर्टिफिकेट भी बनवा लिया। इसी के आधार पर सुशीला ने जगदीश प्रसाद के 50 लाख रुपए के इंश्योरेंस का क्लेम दाखिल किया।
इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि ने वेरिफिकेशन के लिए जगदीश प्रसाद के नंबर पर फोन किया। फोन जगदीश प्रसाद की पत्नी ने उठाया तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। जगदीश प्रसाद की बेटी ने पूरे मामले की जानकारी नगर निगम को दी।
नगर निगम ने दर्ज करवाया केस
निगम ने अस्पताल से जानकारी ली तो खुलासा हुआ कि जगदीश प्रसाद के नाम का कोई भी व्यक्ति वहां भर्ती ही नहीं था और ना ही उस नाम के किसी मरीज की मौत हुई है। इस पर नगर निगम ने ज्योति नगर थाने में सुशीला के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
13 मई को पंचायत से जारी किया गया था असली डेथ सर्टिफिकेट
जगदीश प्रसाद की बेटी सुनीता का कहना है कि सुशीला नाम की एक युवती 2016 में हमारे घर किराए पर रहने आ़ई थी। जगदीश प्रसाद की 7 मई काे हमारे पैतृक गांव में माैत हुई थी। 13 मई काे ग्राम पंचायत दुलेपुरा सीकर से मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी हुआ है।
रिटायर्ड प्राेफेसर की बेटी ने यह भी आराेप लगाया कि यह युवती अन्य लोगाें के साथ मिलकर एक कराेड़ रुपए की गांव की जमीन, आगरा राेड स्थित करीब 1.50 कराेड़ रुपए का प्लाॅट, बैंक व इंश्याेरेंस कंपनी में जमा रूपए हड़पने के लिए यह फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया है।
जगदीश प्रसाद की आउटडाेर व इनडाेर में एंट्री नहीं दिखाई
शिकायत पर अस्पताल ने जगदीश की इनडाेर व आउटडाेर में काेई एंट्री नहीं दिखाई। अस्पताल वालाें का कहना था कि इस व्यक्ति की हमारे यहां माैत नहीं हुई। इसके बाद सुशीला नाम की युवती ने जाे फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया था, उसे निरस्त कर ज्याेति नगर थाने में शिकायत दर्ज करवा दी है। -प्रदीप पारीक, जन्म-मृत्यु पंजीयन रजिस्ट्रार
निगम से जारी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रवर्ष 2020 में नगर निगम से जन्म प्रमाण पत्र 93159 व 46975 मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीयन हुए हैं।अभी इन 5 माह में यानी जनवरी से मई तक ग्रेटर व हैरिटेज निगम से 21312 मृत्यु प्रमाण पत्र व 33308 जन्म प्रमाण पत्र पंजीयन हुए हैं।