प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 अगस्त को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) में अन्न उत्सव की शुरुआत करेंगे. वर्चुअल तरीके से होने वाले अन्न उत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम को लेकर तैयारियों का सिलसिला चल रहा है. सहकारिता और खाद्य मंत्री ने इस सिलसिले में अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की. दरअसल 7 अगस्त से गरीबों को उचित मूल्य की दुकानों से थैलों में राशन मिलेगा. पात्र हितग्राहियों को 10-10 किलो राशन थैलों में दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पात्र परिवारों को प्रति व्यक्ति 5-5 किलो नि:शुल्क राशन तथा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत 5-5 किलो राशन 1 रुपए किलो की दर पर दिया जाएगा. 7 अगस्त को सभी उचित मूल्य दुकान पर समारोहपूर्वक राशन का वितरण शुरू किया जाएगा. इस दिन उचित मूल्य दुकानों पर मंत्री, सांसद, विधायक समेत कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे.
कितने लोगों को मिलेगा लाभ
राशन वितरण में प्रदेश के 1 करोड़ 15 लाख 46 हजार 59 परिवारों के 4 करोड़ 89 लाख 89 हजार 855 हितग्राहियों को लाभ मिलेगा. इन्हें प्रदेश की 25 हजार 423 उचित मूल्य दुकानों से राशन थैलों में दिया जाएगा.
मदद पर सियासत
एक तरफ जहां सरकार का दावा है कि इससे गरीबों को कोरोना के विषम हालातों के बीच काफी मदद मिलेगी. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का आरोप है कि सरकार पुरानी योजनाओं को ही बार-बार नए सिरे से सिर्फ अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल कर रही है. वहीं सरकार गरीबों के राशन को लेकर सख्त है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को साफ किया है कि यह गरीबों का राशन है. इसमें जो भी व्यक्ति गड़बड़ी करेगा उसके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर पात्र व्यक्ति को निर्धारित मात्रा में नि:शुल्क एवं उचित मूल्य राशन थैले में मिले. आयोजन को देखते हुए सभी दुकानों की साफ-सफाई के निर्देश भी दिए गए हैं.
सियासत की इस खबर पर भी डालें नजर
मध्य प्रदेश में उप चुनाव की आहट के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) में बैठकों के दौर एक बार फिर तेज हो गए हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव की 25 जुलाई को होने वाली बैठक से पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश के बीच में महत्वपूर्ण मुलाकात हुई. बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में सुबह करीब 11:00 बजे शुरू हुई दोनों की बैठक लगभग 45 मिनट तक चलीं. दोनों नेताओं के साथ बंद कमरे में प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत और प्रदेश सह संगठन मंत्री हितानंद मौजूद रहे. माना जा रहा है कि इन सबके बीच में आने वाले 4 उप चुनावों की रणनीति को लेकर चर्चा हुई. इसके साथ ही निगम मंडलों में होने वाली नियुक्तियों को लेकर भी चर्चा होने की खबरें सामने आ रही हैं.