अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद से अन्य आतंकी संगठन भी एक्टिव हो गए हैं. देश में अराजकता का माहौल है. गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट (Kabul’s Hamid Karzai International airport) पर हुए आत्मघाती हमलों में अब तक 105 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच अमेरिका की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, अफगानिस्तान में राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (NSD) के शीर्ष सूत्रों ने कहा है कि एजेंसी ने संयुक्त राज्य अमेरिका को काबुल एयरपोर्ट पर दोहरे विस्फोटों के बारे में पहले ही सूचना दे दी थी. इसके बाद भी अमेरिका इन हमलों को रोकने में नाकाम रहा.
सूत्र ने CNN-News18 को बताया कि अमेरिका को पहले ही सूचित किया गया था कि हक्कानी नेटवर्क विस्फोट को अंजाम देगा और इसकी जिम्मेदारी आईएसआईएस लेगी. सूत्रों के मुताबिक, हक्कानी नेटवर्क ने कथित तौर पर काबुल एयरपोर्ट पर मची अफरा-तफरी और उपद्रव को खत्म करने के एकमात्र समाधान के रूप में धमाके किए.
आईएसआईएस-के (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट – खुरासान प्रांत) ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली. ये समूह तालिबान को अपना दुश्मन मानता है. स्थानीय न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, काबुल ब्लास्ट में अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 1138 लोग घायल हुए हैं. मरने वालों में अमेरिकी सेना के 13 कमांडो भी शामिल हैं.
इन हमलों के बाद अफगानिस्तान के स्वघोषित कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) ने दावा किया है कि तालिबान के खुरासान ग्रुप के साथ लिंक हैं. हालांकि, तालिबान ने हमलों के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है.
पंजशीर में तालिबान को नॉर्दर्न अलायंस के साथ चुनौती दे रहे सालेह ने धमाकों के बाद ट्वीट किया, ‘तालिबानियों को उनके आकाओं से अच्छी सीख मिली है. तालिबान ने आईएसआईएस के साथ अपने रिश्ते को खारिज कर दिया है. ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने क्वेटा शूरा पर पाक के लिंक से इनकार कर दिया था. हमारे पास मौजूद हर सबूत से पता चलता है कि ISIS के खुरासान ग्रुप की जड़ें तालिबान और हक्कानी नेटवर्क में हैं….’
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ लोग गर्मी से बचने के लिए घुटनों तक भरी पानी वाले नाले में खड़े थे. तभी एक हमलावर ने उनपर हमला किया. देखते ही देखते शव पानी में बिखर गए. कुछ ही देर में पूरा दृश्य बदल गया. जो लोग विमान में बैठकर देश छोड़ने की उम्मीद कर रहे थे वो कुछ देर बाद एंबुलेंस में जाते या ले जाते दिखे. खून से लथपथ नाले में लोग अपनों को तलाश रहे थे और मदद की गुहार लगा रहे थे.
मिलाद नाम के एक प्रत्यक्षदर्शी ने धमाके के बाद का मंजर बयां किया है. मिलाद अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ अमेरिका में बसने के लिए फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे. इसी दौरान पहला धमाका हुआ. चारों तरफ धुएं का गुबार था. लाशें बिखरी पड़ी थी. उन्होंने बताया कि लाशों के चिथड़े नाले में भर गए थे. हर तरफ खून ही खून था.
मिलाद ने कहा, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका में बसने के लिए मैंने वीजा अप्लाई किया था. लेकिन धमाके के बाद मची अफरा-तफरी में डॉक्यूमेंट्स गिर गए. मैं अब कभी एयरपोर्ट पर नहीं जाना चाहूंगा.’