अफगानिस्तान (Afghanistan) में 20 साल तक चली लंबी जंग के बाद अमेरिका ने 30 अगस्त की आधी रात को अफगानिस्तान छोड़ दिया. अब अमेरिका तालिबान की मदद से ही ISIS-K पर एयरस्ट्राइक करेगा. अमेरिकी सेना के जनरल मार्क मिल्ले ने कहा है कि तालिबान (Taliban) एक क्रूर संगठन है. इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है वह बदलेगा या नहीं. जनरल मार्क मिल्ले ने कहा कि तालिबान के साथ भविष्य में सहयोग को लेकर कोई अटकलबाजी नहीं कर सकते, लेकिन उनका हमारा फोकस ISIS-K पर रहेगा.
इस दौरान मिल्ले ने ये तालिबान के साथ अमेरिका की अभी तक की डीलिंग्स को लेकर कहा कि ऐसे मौकों पर आप वही करते हैं, जो अपने मिशन और फौज के लिए जोखिम कम करने के लिए जरूरी होता है. जनरल मार्क मिल्ले ने कहा कि अफगानितान में मौजूद इस्लामिक आतंकियों के खिलाफ अमेरिका एयरस्ट्राइक कर सकता है, भविष्य में तालिबान (Taliban) के साथ सहयोग बनाकर भी ऐसा किया जा सकता है.
दरअसल, काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद से ही आतंकी संगठन ISIS-खुरासान (ISIS-K) को अमेरिका ने निशाने पर ले रखा है. काबुल एयरपोर्ट पर फिदायीन हमले में अमेरिका के 13 सैनिक मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी ISIS-K ने ली थी. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी दी थी कि हमलावरों को ढूंढ-ढूंढ कर मारेंगे. इसके 36 घंटे क अंदर ही अमेरिका ने अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में ड्रोन से हमला कर ISIS-K के दो आतंकियों को मार गिराया था.
क्या है ISIS-K?
ISIS-K का नाम उत्तरपूर्वी ईरान, दक्षिणी तुर्कमेनिस्तान और उत्तरी अफगानिस्तान में आने वाले क्षेत्र के नाम पर रखा गया है. यह संगठन सबसे पहले 2014 में पूर्वी अफगानिस्तान में सक्रिय हुआ. यहां से इसने बेरहमी और क्रूरता की पहचान बनाई.
कहां हुई ISIS-K की शुरुआत?
पाकिस्तान के सैकड़ों तालिबानी इस संगठन के साथ जुड़े और चरमपंथी हमलों को अंजाम दिया. जब सेना की मदद से इन्हें निकाला गया तो ये अफगानिस्तान की सीमा पर आ गए और फिर यहीं से ऑपरेट करने लगे. ताकत इसलिए बढ़ती गई, क्योंकि तालिबान पश्चिमी देशों और सोच के प्रति नरम होता गया. ऐसे में तालिबान के असंतुष्ट लड़ाके ISIS-K में जाने लगे.अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के मुताबिक, ISIS-K में सीरिया और दूसरे विदेशी चरमपंथी संगठनों के कुछ आतंकी भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में इस समूह के 10 से 15 प्रमुख आतंकियों की पहचान की है. ISIS-K में अफगानियों समेत दूसरे आतंकी समूहों से पाकिस्तानी और उज्बेकिस्तान के आतंकी शामिल हैं.