जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने मंगलवार को प्रशासन की ओर से उन्हें नजरबंद किए जाने का दावा किया है. उन्होंने इस संबंध में एक ट्वीट करके जानकारी दी है. इसमें उन्होंने प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं. हालांकि अभी तक प्रशासन की ओर से इस पर कोई भी आधिकारिक जवाब नहीं दिया गया है.
महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को ट्वीट करके अपनी नजरबंदी का दावा किया. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘भारत सरकार अफगानी लोगों के अधिकारों के लिए चिंता व्यक्त करती है, लेकिन कश्मीरियों के लिए जानबूझकर इससे इनकार करती है. मुझे आज नजरबंद कर दिया गया है क्योंकि प्रशासन के अनुसार कश्मीर में स्थिति सामान्य नहीं है. यह सामान्य स्थिति के उनके नकली दावों को उजागर करता है.’
इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा था कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के परिवार को अंतिम संस्कार से वंचित करना मानवता के खिलाफ है और इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को दुख हुआ है. गिलानी के शव को उनके घर के पास एक मस्जिद परिसर में स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया था.
इस संबंध में महबूबा ने पार्टी की बैठक के बाद कहा था, ‘गिलानी से हमारे मतभेद थे. लड़ाई तो जिंदा इंसान से होती है लेकिन इंसान मर जाता है तो मतभेद खत्म हो जाने चाहिए. मृतक सम्मानजनक अंतिम संस्कार का हकदार होता है.’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गिलानी के परिवार को उनका अंतिम संस्कार करने देने से मना करने की खबरों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को दुखी किया है. महबूबा ने कहा था, ‘परिवार को मृतक का अंतिम संस्कार करने का अधिकार है. मीडिया की खबरों के माध्यम से हमने मृतक के प्रति अनादर के बारे में जो सुना और जाना, वह मानवता के खिलाफ है. मृत्यु के बाद आपको अपने प्रतिद्वंद्वी का भी सम्मान करना होता है जैसे आप किसी दूसरे का सम्मान करते हैं.’
वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसके अधिकारियों को तब अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के घर पर तीन घंटे इंतजार करना पड़ा था जब वे उनकी मृत्यु के बाद उन्हें दफनाने के लिए गए थे. पुलिस ने कहा, ‘शायद पाकिस्तान और असामाजिक तत्वों के दबाव में गिलानी का परिवार देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हुआ.’
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कथित तौर पर सीमा पार से फैलाई जा रही अफवाहों का खंडन करते हुए अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से चार वीडियो भी जारी किए. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने और उनके घर पर कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने को लेकर कड़े गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम (यूएपीए) कानून के तहत मामला दर्ज किया है.