भारत में कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) के मामले अभी आना बंद नहीं हुए हैं कि डेंगू (Dengue) के रूप में एक और मुसीबत सामने आ रही है. उत्तर-प्रदेश के कई जिलों में बड़ी संख्या में सामने आ रहे डेंगू के मामलों के साथ-साथ पूरे उत्तर-भारत में मच्छरों (Mosquito) से पनपने वाली इस बीमारी को लेकर चिंता पैदा हो गई है. बुखार (Fever) से पीड़ित मरीजों में डेंगू संक्रमण (Dengue Infection) की पुष्टि के साथ ही मौतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. इनमें बड़ों के साथ-साथ बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं.
राजधानी दिल्ली में भी अगस्त से अभी तक डेंगू के 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. वहीं यूपी में पिछले हफ्ते तक डेंगू के 497 मामले सामने आ चुके हैं. मथुरा में 107, फिरोज़ाबाद में 49 डेंगू के मामले सामने आये हैं. इसके अलावा, वाराणसी में 69, लखनऊ में 84, कानपुर में 21, बस्ती में 11 जबकि मेरठ में 10 मामले बताए गए हैं. बाकी के ज़िलों में डेंगू के मामले कम हैं लेकिन धीरे-धीरे यह बीमारी अपने पैर पसार रही है. इसके अलावा डेंगू मरीजों की मौत भी बड़ी संख्या में हो रही है.
उत्तर-भारत में अगस्त महीने से अचानक बढ़े डेंगू के मामलों पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार डेंगू का कहर खतरनाक हो सकता है. इसकी कई वजहें हैं. नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) से रिटायर्ड पब्लिक हेल्थ स्पीकर डॉ. सतपाल कहते हैं कि इस साल डेंगू के आंकड़ों को देखें तो इसके खतरनाक होने को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं.https://vastos.performoo.com/player/index.html?isPreview=undefined&vpaid=undefined&widget=false&style=1
इस बार डेंगू के खतरनाक होने के ये हो सकते हैं कारण
डॉ. सतपाल कहते हैं कि पहले से चली आ रही कोरोना बीमारी के बाद अब इसका भी संक्रमण एक चुनौती बन सकता है. देशभर में स्वास्थ्य क्षेत्र की ज्यादातर व्यवस्था कोविड से निपटने में जुटी हुई है ऐसे में एक और ऐसी बीमारी का पनप जाना, जिसका कोई सटीक इलाज नहीं है और जिससे बचाव के लिए कोई वैक्सीन (Vaccine) भी अभी तक नहीं आई है ऐसे में न केवल मेडिकल क्षेत्र के लिए बल्कि इलाज के लिए दौड़ लगाते आम लोगों के लिए भी काफी मुश्किल पैदा कर सकता है.
वे कहते हैं कि दूसरा कारण यह है कि डेंगू का अपना एक चक्र होता है. करीब चार से पांच साल में यह ज्यादा जानलेवा या भयंकर होकर सामने आता है. पिछले कुछ सालों के आंकड़े देखें तो केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 डेंगू के 1,88,401 मामले सामने आए थे जिनमें से 325 लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद डेंगू के मरीजों का आंकड़ा काफी नीचे पहुंच गया था. ऐसे में 2017 के बाद अब 2021 में एक बार फिर डेंगू अपने चक्र के अनुसार असर दिखा सकता है.
वहीं तीसरी कारण यह हो सकता है कि हर साल डेंगू के ज्यादा मामले सितंबर के आखिर या अक्तूबर में सामने आते थे जबकि इस बार अगस्त के अंत से ही डेंगू के केस बढ़ने लगे हैं. ऐसे में अक्तूबर आते-आते ये मामले कितने हो जाएंगे और मौतों का आंकड़ा भी बढ़ सकता है, इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है.विज्ञापन