पंजाब में कैबिनेट विस्तार में 15 मंत्रियों ने शपथ ली. परगट सिंह, मनप्रीत सिंह बादल, अरुणा चौधरी समेत 15 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इस समाहोर में कैप्टन अमरिंद सिंह नहीं पहुंचे. चरणजीत सिंह चन्नी ने 20 सितंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके छह दिनों बाद आज कैबिनेट का विस्तार हुआ.
ये विधायक बने मंत्री
ब्रह्म मोहिंदरा- अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री थे. छह बार के विधायक रहे हैं. पटियाला ग्रामीण सीटे विधायक हैं.
मनप्रीत सिंह बादल- अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री थे. अकाली दल में भी रह चुके हैं. लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं हालांकि कामयाबी नहीं मिली.
तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा- दूसरी बार मंत्री बन रहे हैं. कैप्टन की सरकार में भी मंत्री रहे हैं. लंबे वक्त से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नेताओं में शामिल रहे हैं.
अरुणा चौधरी- दीनानगर सीट से विधायक हैं. पंजाब कांग्रेस की महासचिव रही हैं. अनुसूचित जाति से आती हैं. कैप्टन की सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रही हैं. तीसरी बार विधायक बनी हैं.
सुखबिंदर सिंह सरकारिया- कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री रहे. एक समय में कैप्टन के बेहद करीबी रहे. बाद में दोनों के रिश्तों में खटास आ गई.
राणा गुरजीत सिंह- एक समय में कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेहद करीबी हुआ करते थे. पंजाब के बड़े बिजनेसमैन हैं. 2017 में मंत्री बनाया गया था और 2018 में हटा भी दिया गया था. इन्हें मंत्री बनाए जाने के फैसले का आज विरोध भी हुआ था.
रजिया सुल्ताना- अमरिंदर सिंह की सरकार में भी मंत्री थीं. पंजाब वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष रही हैं. कांग्रेस का मुस्लिम महिला चेहरा हैं. पंजाब कैबिनेट में एक मात्र मुस्लिम नेता हैं.
विजय इंदर सिंगला- कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेहद करीबी थे. हिंदू चेहरा हैं. पहली बार के विधायक हैं. संगरूर से सांसद रह चुके हैं.
भारत भूषण आशु- अमरिंदर सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. संगठन में अच्छी पकड़ रखते हैं. लुधियाना पश्चिम सीट से दो बार के विधायक के हैं.
रणदीप सिंह नाभा- पहली बार मंत्री बने. चार बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कई बार बोल चुके हैं. ‘काका रणदीप’ के नाम के मशहूर हैं.
राजकुमार वेरका- अमृतसर पश्चिम से कांग्रेस के विधायक हैं. पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता है. वाल्मिकी समाज से आते हैं.
संगत सिंह गिलजियान- तीन बार से विधायक हैं. विधानसभा की कई कमेटी के सदस्य रहे. उड़मुड़ सीट से विधायक हैं. संगत सिंह गिलजियान अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं और फिलहाल वह प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
परगट सिंह- परगट सिंह प्रदेश कांग्रेस महासचिव हैं और उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का करीबी समझा जाता है. दूसरी बार विधायक बने हैं. हॉकी टीम के कप्तान रह चुके हैं. पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हैं. जालंधर कैंट सीट से विधायक हैं.
अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग- गिद्दरबाहा सीट से दो बार के विधायक हैं. पंजाब के मुक्तसर सीट से आते हैं. भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं.
गुरकीरत सिंह कोटली- गुरकिरत सिंह कोटली खन्ना से विधायक हैं और पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं. दूसरी बार के विधायक बने हैं. कांग्रेस के सचिव रह चुके हैं.
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के सीनियर सदस्यों के साथ बैठक के बाद चन्नी नीत मंत्रिमंडल के नामों पर सहमति बनी. मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा करने के लिए सीएम चन्नी को कांग्रेस आलाकमान ने शुक्रवार को दिल्ली तलब किया था.