महंत नरेंद्र गिरि का अंतिम संस्कार प्रयाग में हो रहा है. उन्हें उनके गुरु के बगल में भू-समाधि दी जाएगी. वह अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के तो अध्यक्ष थे ही साथ में निरंजनी अखाड़े के सचिव और प्रमुख की हैसियत रखने वाले भी. इस अखाड़े को सबसे धनी अखाड़ों में माना ही जाता है. साथ ही इसकी खासियत ये भी है कि इसमें खासे पढ़े लिखे साधु भी हैं. कुछ तो आईआईटी में पढ़े हुए हैं.
निरंजनी अखाड़े को हमेशा भारतीय धार्मिक क्षेत्र में परिपाटी स्थापित करने वाला माना गया. जब हरिद्वार कुंभ के दौरान कोविड का सबसे ज्यादा असर था. तब इस अखाड़े ने सबसे पहले इससे नाम वापस लेने की घोषणा करके राज्य सरकार को एक तरह से राहत दी. इसके बाद दूसरे अखाड़ों ने भी कुंभ से हटना शुरू किया।
इस अखाड़े का पूरा नाम श्री पंचायती तपोनिधि निरंजन अखाड़ा है. इसका मुख्य आश्रम मायापुर, हरिद्वार में स्थित है.अगर साधुओं की संख्या की बात की जाए तो निरंजनी अखाड़ा देश के सबसे बड़े और प्रमुख अखाड़ों में है. जूना अखाड़े के बाद उसे सबसे ताकतवर माना जाता है. वो देश के 13 प्रमुख अखाड़ों में एक है.