नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ दिया. इस बाबत उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र भी लिखा है. सिद्धू द्वारा यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जबकि करीब दस-बारह दिन पहले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को प्रदेश की कमान सौंपी गई है.
सिद्धू ने अचानक पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा क्यों दिया, इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. सूत्रों की माने, तो यह सिद्धू का यह कदम विवादास्पद विधायक राणा गुरजीत सिंह को चरणजीत सिंह चन्नी की नई कैबिनेट में शामिल करने और एपीएस देओल को पंजाब के महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त करने का नतीजा है.
गुरजीत सिंह पर रेत खनन में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. उन्हें पहले अमरिंदर सिंह कैबिनेट से भी हटा दिया गया था. चन्नी की कैबिनेट में शामिल सिद्धू के एक करीबी मंत्री ने नाम न बताने की शर्त पर न्यूज़18 को बताया कि “नए मुख्यमंत्री, चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कोई भी रेत माफिया उनसे बैठक के लिए संपर्क न करे और फिर पार्टी ने आगे बढ़कर राणा गुरजीत सिंह को कैबिनेट मंत्री बना दिया, जिन्हें 2018 में रेत खनन माफिया से जुड़े आरोपों के कारण अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. सिद्धू ने 2017 से जो लड़ाई लड़ी है और जिसके लिए वह खड़े हुए हैं, यह उसका स्पष्ट उल्लंघन है.”