पंजाब में हुए घटनाक्रम के बाद कांग्रेस में कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कपिल सिब्बल खुलेआम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाने की बात कह चुके हैं. बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने भी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर तत्काल प्रभाव से कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक बुलाने की मांग की थी. गुलाम नबी आजाद के खत के बाद सोनिया ने कहा था कि जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी, हालांकि इसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई थी.
इस खत से पहले G-23 के कुछ सदस्यों ने एकसाथ सोनिया गांधी को फोन किया था और कहा था कि जल्द ही इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया तो वह लंबे समय तक चुप नहीं रहेंगे. सूत्रों का कहना है कि G-23 के कुछ सदस्यों का मानना है कि भले ही वह परिणाम जानते हों, फिर भी वह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़कर अपनी बात साबित करना चाहते हैं. समूह के एक वरिष्ठ सदस्य ने न्यूज18 से खास बातचीत में कहा, इसे विद्रोह के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह दिखाने का प्रयास किया जाना चाहिए कि कांग्रेस लोकतांत्रिक है और बीजेपी के विपरीत एक विकल्प को जगह देती है. बातचीत के दौरान उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि अगर कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होता है तो जी-23 दो हिस्सों में बंट सकता है.