मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा उपचुनाव में भवानीपुर सीटसे एक रिकॉर्ड जीत दर्ज की है. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को 58 हजार से ज्यादा वोटो के अंतर से हराया. उनकी यह जीत 2011 में मिली जीत से भी बड़ी है. तब उन्हें उपचुनाव में भवानीपुर सीट से 54,213 वोटों से जीत दर्ज की थी. ममता बनर्जी के लिए इस बार उपचुनाव कोर या मरो की स्थिति वाला था. अगर वे यहां हार जाती तो उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ता.
दुर्गा पूजा से पांच दिन पहले मुख्यमंत्री की उपचुनाव में बड़ी जीत से भवानीपुर में जश्न का माहौल है. सीएम के चाहने वाले इसे उत्सव की तरह मना रहे हैं. जैसे ही ममता बनर्जी के जीत पक्की लगने लगी टीएमसी समर्थकों ने एक दूसरे को हरे रंग का गुलाल लगाया और ढोल बाजे के साथ डांस भी किया.
मिनी इंडिया से मिली लीड
भवानीपुर का उपचुनाव ममता बनर्जी के लिए कई मायनों में खास था. पहला तो सीएम बने रहने के लिए जीतना जरूरी था 2024 के आम चुनाव के लिए भवानीपुर से भारत तक का सफर तय करने के लिए भी जीत जरूरी थी. बीजेपी ने यह दिखाने कि कोशिश की कि ममता बनर्जी यहां से हार जाएंगी क्योंकि भबानीपुर में 43 प्रतिशथ गैर बंगाली वोटर्स है. भबानीपुर के 70 वार्ड में टीएमसी 2021 के चुनाव में पीछे थी.
टीएमसी नेता आशिम बसु ने कहा- भवानीपुर के 70 वार्ड मिनी भारत का प्रितनिधित्तव करता है. यहां सभी समुदाय के लोग रहते हैं. दीदी ने यहां बड़े अंतर से जीत दर्ज की है. इससे साबित होता है कि उन्हें मिनी भारत से लीड मिली है और अब उन्हें यहीं से भारत में आगे का रास्ता मिलेगा.
बीजेपी कार्यालय में पसरा सन्नाटा
ममता बनर्जी को समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और कांग्रेस के नेता कीर्ति आजाद ने जीत पर शुभकामनाएं दी. भवानीपुर उपचुनाव में जहां दीदी की जीत के बाद गोवा से लेकर त्रिपुरा तक टीएमसी कार्यकर्ता जश्न मना रहे थे वहीं भाजपा और माकपा के राज्य कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ था.