रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एसआरईआई इंफ्रा (SREI Infr) और एसआरईआई इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (SREI EFL) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का कंट्रोल ले लिया. एसआरईआई ग्रुप की कंपनियों के डिफॉल्ट और गवर्नेंस को लेकर आशंकाओं के कारण आरबीआई की ओर से यह कदम उठाया गया है. बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व चीफ जनरल मैनेजर रजनीश शर्मा को इन कंपनियों के लिए एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया है. एसआरईआई ग्रुप के मैनेजमेंट के लगभग 35,000 करोड़ रुपये की बकाया रकम को लेकर एक साल तक कोई कानूनी या अन्य कार्रवाई नहीं करने की मांग से जुड़े प्रस्ताव को एक सप्ताह पहले क्रेडिटर्स ने ठुकरा दिया था.
आरबीआई जल्द शुरू करेगी रिजॉल्सूशन प्रोसेस
आरबीआई जल्द ही इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी रूल्स, 2019 के तहत इन कंपनियों के रिजॉल्यूशन की प्रक्रिया शुरू करेगा. इसके साथ ही नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) को एडमिनिस्ट्रेटर को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी प्रोफेशनल के तौर पर नियुक्त करने के लिए आवेदन किया जाएगा. इस बारे में आरबीआई की ओर से कहा गया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1934 के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्रीय बैंक ने इन दोनों कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का कंट्रोल लिया है. एसआरईआई ग्रुप ने आरबीआई से डीएचएफएल जैसे रिजॉल्यूशन
के लिए संपर्क किया था. डीएचएफएल का पिरामल ग्रुप ने 38,000 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है.
कर्जदाता कर रहे थे फोरेंसिक ऑडिट का इंतजार
कर्ज के बोझ से दबे एसआरईआई ग्रुप से कई सीनियर मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स इस्तीफा दे चुके हैं. कर्ज के रीअलायंमेंट के लिए अभी बातचीत जारी है. कर्जदाता इस मामले में कोई भी फैसला लेने के लिए फोरेंसिक ऑडिट का इंतजार कर रहे थे. बीते छह महीनों में कई सीनियर लेवल के अधिकारियों ने ग्रुप को छोड़ दिया है. दरअसल, कर्जदाताओं ने 20 मार्च 2021 को एसआरईआई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस के सीईओ राकेश भतोरिया समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों पर सैलरी कैप लागू कर दिया था. एक महीने पहले एसआरईआई इक्विपमेंट फाइनेंस के सीओओ पवन त्रिवेदी ने भी इस्तीफा दे दिया था.